सामूहिक विवाह विवाद पर विहिप ने ममता सरकार पर साधा निशाना
मालदा के गाजोल आलमपुर में पिछले दिनों विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ओर से आयोजित आदिवासी सामूहिक विवाह समारोह को धर्मातरण के अफवाह के बीच बंद कर दिया गया था।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : मालदा के गाजोल आलमपुर में पिछले दिनों विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ओर से आयोजित आदिवासी सामूहिक विवाह समारोह को धर्मातरण के अफवाह के बीच बंद कर दिया गया था। विवाह समारोह को रोकने को पहुंची झारखंड दिसम पार्टी के लोगों ने आरोप लगाया था कि सामूहिक विवाह के नाम पर विहिप युवक-युवतियों का धर्मातरण करना चाहती है। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर हाथापाई भी हुई थी। इस मसले पर विहिप की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार के इशारे पर पुलिस ने विहिप के 11 नेताओं पर झूठे मामले दर्ज किए हैं। साथ ही उक्त मामले में श्याम मंडल नामक एक विहिप कार्यकर्ता को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो आरोपित विहिप नेता को झारखंड दिसम पार्टी के नेता लक्ष्मीराम हासदा की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है। वहीं अपने 11 नेताओं की जमानत को विहिप ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। दूसरी ओर विहिप के पूर्वी क्षेत्र के सचिव अमिय सरकार ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा-'हमने मालदा जिले के गाजोल आलमपुर इलाके के 100 से अधिक गरीब युवक-युवतियों का सामूहिक विवाह करवाने को विशेष आयोजन किया था। विवाह में खलल डालने को मौके पर पहुंचे असामाजिक तत्वों ने हमपर झूठे आरोप लगाते हुए समारोह को बंद करवा दिया। इतना ही नहीं हमारे 11 नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए। आज सत्तापक्ष के समर्थन से भले ही हम पर हमले हो रहे हैं, लेकिन समय आने पर हर एक को इसकी कीमत चुकानी होगी।' गौरतलब है कि मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने गत बुधवार को नदिया के कृष्णानगर में आयोजित सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए विहिप पर सामूहिक विवाह के नाम पर लोगों का धर्मातरण करने का आरोप लगाया था।