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दार्जिलिंग में फिर एक वाहन को फूंका

जीजेएम के मुताबिक, पुलिस ने दुकानदारों पर दबाव डाला। उनके पास इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं था।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 24 Sep 2017 02:16 PM (IST)Updated: Sun, 24 Sep 2017 02:16 PM (IST)
दार्जिलिंग में फिर एक वाहन को फूंका
दार्जिलिंग में फिर एक वाहन को फूंका

जागरण न्यूज नेटवर्क, कोलकाता। दार्जिलिंग में शनिवार देर रात एक बार फिर एक वाहन को फूंक दिया गया। दार्जिलिंग में पिछले 101 दिन से चली आ रही बंदी खत्म होने, दुकानें व व्यवसायिक प्रतिष्ठान रविवार को खुलने के संकेत मिले थे। जून से चली आ रही अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म होगी, इसकी उम्मीद जगी थी। इस हड़ताल से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है। जिसको देखते हुए शनिवार को 19 व्यावसायिक संगठनों ने दार्जिलिंग कस्बे में बैठक कर हड़ताल को खत्म करने का फैसला लिया था। परंतु ऐसा नहीं हो सका।

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पथ पसाली संघ के अध्यक्ष खाडू तमांग ने कहा, 'सभी व्यवसायियों ने रविवार को अपने बिजनस को खोलने का फैसला किया है। हम हड़ताल को पिछले तीन महीने से समर्थन दे रहे थे लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला। यह स्थिति हमेशा के लिए नहीं चल सकती थी। कुछ दुकानें खुली हुई थीं और लोग अपनी जरूरत का सामान खरीद रहे थे लेकिन व्यवसायियों को इस समस्या को लेकर आशंका थी। इसलिए हम सभी ने फैसला किया है कि रविवार सुबह नौ बजे से सभी दुकानें खुल जाएंगी ताकि हड़ताल के समर्थक किसी खास दुकान को निशाना न बना सकें।' 

दार्जिलिंग चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भी इस फैसले का समर्थन किया है और उसने कालिपोंग और कुरसेआंग के अपने सदस्यों से कहा है कि वे भी बिजनस शुरू कर दें। उधर, राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने कहा, 'यह स्वागत योग्य कदम है। हम चाहते थे कि दुर्गा पूजा से पहले दार्जिलिंग और अन्य पर्वतीय इलाकों में जन जीवन सामान्य हो जाए। ऐसा लग रहा है कि चीजें उसी दिशा में हो रही हैं।' दुकानें खुलने से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है।

उधर, हड़ताल समर्थक जीजेएम के एक अधिकारी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने राज्य सरकार की ओर से दुकानों को खुलवाया है। उन्होंने कहा, 'पुलिस ने दुकानदारों पर दबाव डाला। उनके पास इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं था। लोगों ने सूचना दी है कि चौकबाजार इलाके में 30 पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में तैनात हैं।' 

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