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वोट हासिल करने के लिए धर्म के इस्तेमाल से परहेज किया जाना चाहिए: दिलीप घोष

दुर्गापूजा समितियों को 50-50 हजार रुपये अनुदान पर माकपा नेता ने भी उठाए सवाल और कहा सीएम झूठ बोल रही थीं यह प्रमाणित हो गया। बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष का कहना है कि ये अनुदान के लिए नहीं राजनीतिक उद्देश्य के तहत किया गया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 07:57 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 07:57 AM (IST)
वोट हासिल करने के लिए धर्म के इस्तेमाल से परहेज किया जाना चाहिए: दिलीप घोष
बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने कहा राजनीतिक हितों के लिए धर्म का इस्‍तेमाल न करें

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने शुक्रवार को कहा कि राज्य की तृणमूल सरकार ने सामुदायिक दुर्गा पूजा आयोजकों के लिए 50 हजार रुपये के अनुदान की घोषणा राजनीतिक हित में की है और वोट हासिल करने के लिए धर्म के इस्तेमाल के ऐसे प्रयासों से परहेज किया जाना चाहिए। अनुदान का उपयोग कोविड-19 सुरक्षा उपकरणों की खरीद और जनता एवं पुलिस के बीच जुड़ाव को मजबूत करने के लिए करने का दुर्गा पूजा समितियों को उच्च न्यायालय के निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए घोष ने कहा कि आयोजकों ने इस तरह के अनुदान के लिए नहीं कहा था लेकिन इसके बावजूद यह एक राजनीतिक उद्देश्य के तहत दिया गया। 

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भविष्य में वोट हासिल करने के लिए धर्म का उपयोग राजनीतिक क्षेत्र में करने के ऐसे प्रयासों से बचेंगे- उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए वे (तृणमूल कांग्रेस सरकार) भविष्य में वोट हासिल करने के लिए धर्म का उपयोग राजनीतिक क्षेत्र में करने के ऐसे प्रयासों से बचेंगे। उन्होंने कहा कि जब तृणमूल कांग्रेस सरकार ने राज्य में इमामों के लिए मासिक भत्ते की घोषणा की थी तब भी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया था। सीआइटीयू की ओर से दायर से याचिका पर सुनवायी करते हुए अदालत ने निर्देश दिया कि करीब 37 हजार पूजा आयोजकों में से प्रत्येक को दिए गए 50,000 रुपये के अनुदान का इस्तेमाल किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता। अदालत ने पूजा समितियों से इसमें से 75 प्रतिशत राशि कोविड-19 सुरक्षा उपकरणों की खरीद और बाकी सार्वजनिक-पुलिस जुड़ाव को मजबूती प्रदान करने पर खर्च करने को कहा। 

अनुदान का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्य के लिए करने का कोई सवाल नहीं उठता : तृणमूल

तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय ने कहा कि अनुदान का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्य के लिए करने का कोई सवाल नहीं उठता क्योंकि सामुदायिक पूजा आयोजक किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार उपयुक्त समझेगी तो वह अंतरिम आदेश को अदालत में चुनौती देगी।

सीएम झूठ बोल रही थीं प्रमाणित हो गया : माकपा

-दूसरी ओर वाममोर्चा विधायक दल के नेता व माकपा विधायक सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुदान के बारे में झूठ बोल रही थी यह हाईकोर्ट में प्रमाणित हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूजा समितियों को कोरोना काल में में विज्ञापन नहीं मिलेंगे, इसलिए उन्हें 50,000 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। हालांकि, सरकारी वकीलों ने अदालत को बताया कि मास्क और सैनिटाइज़र खरीदने के लिए अनुदान दिया जा रहा है। सरकारी वकीलों का यह विरोधाभासी बयान बड़ा सबूत है। नौकरशाह सब कुछ जानते हुए भी चुप क्यों हैं? सुजन ने सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता सरकार त्योहार के बहाने वोट खरीदने की कोशिश कर रही है।


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