यूपी के सीएम योगी के ममता बनर्जी पर हमले से बंगाल में रार, टीएमसी ने बताया उन्हें गब्बर सिंह, सुवेंदु ने दिया धन्यवाद
अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा का जिक्र करते हुए ममता पर निशाना साधा है। इस बयान के बाद बंगाल में सियासी रार है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए वोट मांगने बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी वहां के दौरे पर गईं थी। अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा का जिक्र करते हुए ममता पर निशाना साधा और कहा कि यूपी में चुनाव के बाद कहीं अशांति नहीं हुई जबकि बंगाल के मुकाबले यहां की आबादी दोगुनी है। वहीं, योगी के इस बयान के बाद बंगाल में सियासी रार देखने को मिला है। बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने इसके लिए यूपी के मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया है।
दूसरी ओर, सत्तारूढ़ टीएमसी के नेता व मंत्री फिरहाद हकीम ने योगी पर हमला बोलते हुए उन्हें यूपी का गब्बर सिंह बताया है। सुवेंदु ने ट्वीट किया- मैं ईमानदारी से यूपी के मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने राज्य विधानमंडल में बंगाल में चुनाव बाद की हिंसा की कायरतापूर्ण घटनाओं को उजागर किया है। दूसरी ओर, योगी के बयान पर टीएमसी नेता हकीम ने कहा- योगी आदित्यनाथ नहीं जानते कि बंगाल ने शांति की राह दिखाई है। योगी यूपी के गब्बर सिंह हैं। वहां के लोग ठीक से बात तक नहीं कर पाते हैं जबकि बंगाल में दीदी को विकास के लिए लोगों ने वोट दिया है। कट्टरता के लिए नहीं। उन्होंने आगे कहा कि यूपी में पुलिस मुठभेड़ में लोग मार दिए जा रहे हैं। वे तय कर रहे हैं कि हम क्या खाएंगे और क्या पहनेंगे, ऐसे लोग बंगाल के बारे में बात कर रहे हैं।
बता दें कि राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा- चुनाव में सपा के समर्थन के लिए बंगाल से एक दीदी आईं थीं। वहां (बंगाल में) क्या हालत थी। चुनाव बाद वहां हिंसा की 12 हजार घटनाएं हुई थीं। 294 विधानसभा सीटों में से 142 पर हिंसा की घटनाएं हुई थीं। यही नहीं 25 हजार बूथ प्रभावित हुए थे। भाजपा के 10 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता अपने घरों को छोड़कर शेल्टर होम में जाने को मजबूर हुए थे। 57 की हत्या हुई, 123 से अधिक महिलाओं के साथ दुष्कर्म व अमानवीय व्यवहार हुआ। सात हजार शिकायतें दर्ज हुई। उन्होंने दावा किया कि यूपी चुनाव के बाद कहीं अशांति नहीं हुई जबकि बंगाल के मुकाबले यहां की आबादी दोगुनी है।