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प्रधानमंत्री गरीब क्ल्याण अन्न योजना के तहत बंगाल समेत पूर्वी अंचल के लाभार्थियों तक राहत पहुंचाने का काम जारी

भारत सरकार इस खाद्य वितरण के लिए खाद्य सब्सिडी राज्य के भीतर परिवहन और डीलर के मार्जिन पर खर्च होने वाली पर लागत राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों पर बिना किसी वित्तीय बोझ को डाले स्वंय वहन करेगी।

By Priti JhaEdited By: Published: Wed, 07 Jul 2021 02:22 PM (IST)Updated: Wed, 07 Jul 2021 02:22 PM (IST)
प्रधानमंत्री गरीब क्ल्याण अन्न योजना के तहत बंगाल समेत पूर्वी अंचल के लाभार्थियों तक राहत पहुंचाने का काम जारी
भारत सरकार प्रधानमंत्री गरीब क्ल्याण अन्न योजना

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भारत सरकार ने कोविड महामारी की दूसरी लहर के कारण लाभार्थियों को होने वाले आर्थिक संकट को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब क्ल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की शुरूआत की। इस योजना के तहत, एनएफएसए एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत नियमित आवंटन के अतिरिक्त मई एवं जून 2021 माह के लिए प्रति लाभार्थी को पांच किलोग्राम खद्यान्न का आवंटन किया गया। यह आवंटन लाभार्थियों को पूर्णत: मुफ्त प्रदान किया जा रहा है।

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भारत सरकार इस खाद्य वितरण के लिए खाद्य सब्सिडी, राज्य के भीतर परिवहन और डीलर के मार्जिन पर खर्च होने वाली पर लागत, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों पर बिना किसी वित्तीय बोझ को डाले स्वंय वहन करेगी। भारतीय खाद्य निगम, पूर्वी अंचल के अंतर्गत पांच राज्य पश्चिम बंगाल, बिहार झारखंड,ओडिशा तथा सिक्किम आते हैं। उपरोक्त में लगभग 21 करोड़ लाभार्थियों को लाभान्वित करने के लए लगभग 21 लाख मीट्रिक टन (एल.एम.टी) खाद्यान्न का अवंटन किया गया था। खाद्यान्नों का अवंटन संबंधित राज्यों को उनकी आहार वरीयता के अनुरूप किया गया है। सिक्किम में सिर्फ चावल की आपूर्ति की जाती है। इसके अलावा चावल के मामले में इस योजना के तहत पसंदीदा किस्म (अंशत: उबला अरवा) को उपलब्ध कराया जा रहा है।

उदाहरण के लिए, जहां पश्चिम बंगाल को अंशत: उबला चावल उपलब्ध कराया जा रहा है, वहीं सिक्किम को अरवा चावल (कच्चा) की आपूर्ति की जा रही है। भारतीय खाद्य निगम, पूर्व अंचल ने अप्रैल-जून 2021 की अवधि के दौरान 1,341 खाद्यान्न रेक (35 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न) को संभाला, ताकि लॉकडाउन और अन्य बाधाओं के बावजूद पीएमजीकेएवाई अन्य य़ोजनाओं के लिए आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। कल्याणकारी योजनाओं के लिए निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चत करने के लिए 13,617 मीट्रिक टन स्टॉक यानी लगभग 1000 ट्रक लोड से खाद्यान्न को सड़क मार्ग से सिक्कम ले जाया गया।

इसी अवधि के दौरान ओडिशा से 167 राइस रेक केरल, कर्नाटक तमिलनाडु तथा पूर्वी राज्यों सहित अन्य क्षेत्रो में भी भेजे गए हैं। सुनिश्चित किया कि 20.62 लाख मीट्रिक टन खाद्यन्न योजना के तहत आवंटन मांग का 100 फीसद राज्यों को मुफ्त में वितरण के लिए दिया गया। पश्चिम बंगाल 6.00 लाख मीट्रिक टन तथा सिक्किम 0.04 लाख मीट्रिक टन बिहार 8.71 लाख मीट्रिक टन, झारखंड 2.64 मीट्रिक टन, ओडिशा 3.23 लाख मीट्रिक टन प्रदान किया गया। भारत सरकार ने लाभार्थियों को प्रति पांच किलोग्राम की दर से अतिरिक्त आवंटन बढ़ाया है। यह अतिरिक्त आवंटन और पांच महीनों की अवधि के लिए अर्थात जुलाई 2021 से नवंबर 2021 तक प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, अंचल के विभिन्न राज्यों में केंद्रीय पूल के अंतर्गत खाद्यान्नों की खरीद भी की गई।

2021 के दौरान अब तक की सबसे अधिक 4.56 लाख मीट्रिक टन गेंहू की खरीद की गई है। पिछले सत्र के दौरान 0.05 लाख मीट्रिक टन गेंहू की खरीद की गई थी। केंद्रीय पूल के तहत 35.59 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गर्ई। जबकि पिछले वर्ष यह 20.02 लाख मीट्रिक टन थी। पश्चिम बंगाल क्षेत्र में केंद्रीय पूल के तहत 23 .29 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई।

इस प्रकार महामारी की दूसरी लहर से आई चुनौतियों के बावजूद ओडिशा, बिहार और झारखंड यास चक्रवात के प्रभाव के बाद, भारतीय खाद्य निगम के प्रचालन, खाद्य योद्धाओं द्वारा कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए महामारी से प्रभावित लोगों के संकटों को कम करने के लिए मदद जारी है। 


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