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फिर पंचायत चुनाव पर संशय गहराया

-एकल पीठ ने कहा, मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ पर निर्भर है फैसला -ई-नामांकन के मुद्दे पर भी चुनाव

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 May 2018 05:41 PM (IST)Updated: Wed, 02 May 2018 05:41 PM (IST)
फिर पंचायत चुनाव पर संशय गहराया
फिर पंचायत चुनाव पर संशय गहराया

-एकल पीठ ने कहा, मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ पर निर्भर है फैसला

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-ई-नामांकन के मुद्दे पर भी चुनाव आयोग की किरकिरी, माकपा को भी फटकार

-पंचायत चुनाव की सुरक्षा के मुद्दे पर आज नवान्न में होगी उच्चस्तरीय बैठक

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जागरण संवाददाता, कोलकाता: पश्चिम बंगाल के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर एक बार फिर संशय गहरा गया है। 14 मई को बंगाल में पंचायत चुनाव होना है। परंतु, मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित तारीख अंतिम नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि 14 मई को केवल एक तारीख के रूप में माना जा सकता है।

चुनाव की तारीख पर अंतिम निर्णय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ द्वारा लिया जाएगा। यह बातें न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार ने एक चरण में पंचायत चुनाव आयोजित करने के आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कही।

विपक्षी भाजपा, माकपा और पार्टी ऑफ डेमोक्रेटिक सोशलिज्म (पीडीएस) व माकपा ने न्यायमूर्ति तालुकदार की एकल पीठ में याचिका दायर कर कहा था कि चुनाव के लिए तिथि की घोषणा करने में पीठ द्वारा पहले दिए निर्देशों को चुनाव आयोग ने नहीं माना। यहां तक कि चुनाव तिथि घोषित करने से पूर्व संबंधित पक्षों के साथ परामर्श भी नहीं किया।

याचिका में यह भी दावा किया गया कि आयोग ने पहले तीन चरणों में चुनाव की घोषणा की थी, अब केवल एक चरण में चुनाव घोषित कर दिया है। जिससे मतदाताओं के साथ-साथ उम्मीदवारों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया।

न्यायमूर्ति तालुकदार ने कहा कि क्योंकि मामला मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में लंबित है। इसीलिए वे इस में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। हालांकि, उन्होंने यह अवश्य कहा कि चुनाव आयोग को खंडपीठ में सुरक्षा व्यवस्था का ब्योरा देना है जिस पर 4 मई को सुनवाई होनी है।

विपक्षी दलों द्वारा दायर कोर्ट अवमानना मामले पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति तालुकदार ने आयोग के अधिवक्ता से सवाल किया कि चुनाव के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर सभी हितधारकों के साथ सार्थक परामर्श के बाद चुनाव तिथि घोषित की गई? माकपा की ओर से कहा गया कि अदालत के आदेश के बावजूद सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा किए बिना 26 अप्रैल को चुनाव आयोग ने एक दिन में चुनाव कराने की घोषणा कर दी। न्यायमूर्ति तालुकदार ने आयोग से पूछा कि क्या डिवीजन बेंच के सामने सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी रखने से पहले मतदान के लिए तारीख तय कर सकते हैं? आयोग की ओर से रमजान का हवाला दिया गया।

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हाईकोर्ट को रिपोर्ट देने से पहले आज होगी उच्चस्तरीय बैठक

राज्य सरकार ने गुरुवार को नवान्न में चुनाव के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था पर रिपोर्ट हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भंट्टाचार्य की पीठ को सौंपने के लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक समेत अन्य सीनियर अफसर मौजूद रहेंगे। क्योंकि, इसी रिपोर्ट पर 14 मई को चुनाव होगा या फिर टलेगा यह निर्भय होगा।

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कितने ई-नामांकन हुए हाईकोर्ट ने आयोग से पूछा

दूसरी ओर बुधवार को माकपा द्वारा ई- नामांकन व आयोग द्वारा जारी नई अधिसूचना गलत होने को लेकर न्यायाधीश विश्वनाथ सामद्दार व न्यायाधीश अ¨रदम मुखर्जी की खंडपीठ में सुनवाई हुई। इस दौरान न्यायाधीश सामद्दार ने कई सवाल पूछे जिस को लेकर आयोग की किरकिरी हुई। वहीं माकपा से भी सवाल किया गया है कि यह स्पष्ट करें कि माकपा के कितने प्रत्याशियों ने ई-नामांकन किया है। साथ ही आयोग को कहा है कि जो भी ई-नामांकन हुए हैं उसमें कोई त्रुटि तो नहीं है, यह बताएं।

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