जहरीली गैस की चपेट में आकर दो मजदूरों की मौत
-स्कूल के सेप्टिक टैंक में काम करने उतरे थे दोनों -दम घुटने से हुई दोनों की मौत .......... स
-स्कूल के सेप्टिक टैंक में काम करने उतरे थे दोनों
-दम घुटने से हुई दोनों की मौत
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संसू, बैरकपुर : स्कूल के नवनिर्मित सेप्टिक टैंक के काम करने उतरे दो मजदूरों की जहरीली गैस की चपेट में आने से मौत हो गई। मृतकों के नाम प्रदीप बर (23) और समर दास (22) हैं। यह हादसा शनिवार को खड़दह थानांतर्गत रुइया अंचल के एक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में हुआ। सूचना पाकर अग्निशमन कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे। वे ऑक्सीजन मास्क पहनकर सेप्टिक टैंक में घुसे और एक-एक कर दोनों शवों को निकाला। प्रदीप संदेशखाली और समीर पूर्व मेदनीपुर के खेजुरी का वाशिदा था। दोनों ठेका मजदूर थे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक स्कूल प्रबंधन ने एक ठेकेदार को इस काम का ठेका दिया था। सेप्टिक टैंक के निर्माण का काम पूरा हो गया था। इस दिन दोनों मजदूर ढलाई के काम में लगी लकड़ी खोलने के लिए उतरे थे। पहले एक मजदूर लकड़ी खोलने उतरा था। दम घुटने पर वह मदद के लिए चिल्लाया। दूसरा मजदूर उसकी मदद के लिए अंदर उतरा। इस तरह दोनों जहरीली गैस की पेट में आ गए। सेप्टिक टैंक में घुटनों तक पानी भरा हुआ था। अनुमान है कि गैस की चपेट में आकर दोनों बेहोश होकर पानी में गिर पड़े। अग्निशमन अधिकारी गौराग नियोगी ने बताया कि सेप्टिक टैंक चारों ओर से बंद था। ऊपर छोटा सा होल था। उस होल के जरिए मजदूर नीचे उतरे थे। उस होल में लगे रॉड को काटकर अग्निशमन कर्मियों ने उसे चौड़ा किया। उसके बाद जलती हुई लालटेन सेप्टिक टैंक में लटकाकर अंदर मौजूद ऑक्सीजन का जायजा लिया। वह लालटेन बुझ गई। इससे पता चला कि अंदर ऑक्सीजन नहीं था। सेप्टिक टैंक के अंदर उत्पन्न हुए किसी जहरीली गैस की चपेट में आकर उन दोनों की मौत हुई है। स्कूल प्रबंधन की ओर से श्रीजीत चक्रवर्ती ने बताया कि इस हादसे की कोई भी जिम्मेदारी प्रबंधन पर नहीं है। उन दोनों मजदूरों की खुद की लापरवाही से जान गई है। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।