Turban pulling : बंगाल के राज्यपाल ने कहा-बलविंदर सिंह को रिहा करे राज्य सरकार, यह मानवाधिकार का उल्लंघन है
बलविंदर की रिहाई के लिए पूर्व सैनिकों के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात। उन्होंने राज्य सरकार से इसके लिए फिर अनुरोध करने का उन्हें आश्वासन दिया। पिछले दिनों बलविंदर सिंह की पत्नी करमजीत कौर और उनके बेटे ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई थी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शनिवार को एक बार फिर राज्य सरकार से सिख सुरक्षा गार्ड बलविंदर सिंह को रिहा करने का अनुरोध किया, जिनकी पगड़ी पिछले दिनों कथित तौर पर गिरफ्तारी के दौरान पुलिस द्वारा खींच दी गई थी। राज्यपाल से इस दिन पूर्व सैनिकों के प्रतिनिधिमंडल ने भी राजभवन में मुलाकात की और बलविंदर सिंह को अविलंब रिहा किए जाने की उनसे मांग की।
मानवाधिकार के दुरुपयोग का दर्दनाक मामला
राज्यपाल ने ट्वीट किया, “पूर्व सैनिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुझसे मुलाकात कर बलविंदर सिंह के विरुद्ध दर्ज मामला वापस लेने और तत्काल रिहाई की मांग की है। बंगाल पुलिस द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन किया जा रहा है।” उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी से आग्रह है कि बलविंदर सिंह को रिहा करें और मामला वापस लें।”
बलविंदर सिंह की रिहाई का ममता से अनुरोध
बताते चलें कि 3 दिन पहले बलविंदर सिंह की पत्नी करमजीत कौर और उनके बेटे ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई थी। इससे पहले 11 अक्टूबर को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रतिनिधि मंडल ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर बलविंदर की रिहाई की मांग की थी।
8 अक्टूबर को पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया
गौरतलब है कि 8 अक्टूबर को भाजपा के राज्य सचिवालय अभियान के दौरान एक भाजपा नेता के निजी सुरक्षा गार्ड बलविंदर को पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उनकी पगड़ी भी खींच दी थी।
बलविंदर सिंह भारतीय सेना के रिटायर्ड फौजी हैं
हालांकि पुलिस ने पगड़ी खींचे जाने से इनकार करते हुए कहा था कि धक्का-मुक्की में पगड़ी खुद ही गिर गई थी। गिरफ्तारी के बाद से बलविंदर हावड़ा पुलिस की हिरासत में हैं। बलविंदर भारतीय सेना के रिटायर्ड फौजी हैं। इस समय वह एक भाजपा नेता के निजी सुरक्षा गार्ड के रूप में काम कर रहे हैं।