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ट्रस्ट की जमीन अनुब्रत की पुत्री सुकन्‍या की कंपनी को की गई हस्तांतरित, जांच करेगी सीबीआइ

सीबीआइ के मुताबिक जांचकर्ता भारत सेवाश्रम संघ से बात कर यह पता लगाएंगे कि दान के रूप में मिली एक ट्रस्ट की जमीन को कैसे हस्तांतरित किया गया। सीबीआइ के पास यह भी शिकायत मिली है कि भारत सेवाश्रम संघ पर दबाव देकर जमीन खरीदी गई है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Mon, 29 Aug 2022 06:10 PM (IST)Updated: Mon, 29 Aug 2022 06:10 PM (IST)
ट्रस्ट की जमीन अनुब्रत की पुत्री सुकन्‍या की कंपनी को की गई हस्तांतरित, जांच करेगी सीबीआइ
जांचकर्ता पता लगाएंगे कि दान के रूप में मिली एक ट्रस्ट की जमीन को कैसे बेचा गया।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। समाज सेवा के कार्यों में जुड़े भारत सेवाश्रम संघ की लगभग डेढ़ बीघा भूमि मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार टीएमसी के बाहुबली नेता अनुब्रत मंडल की पुत्री सुकन्या मंडल की कंपनी को हस्तांतरित की गई है। सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक जांचकर्ता भारत सेवाश्रम संघ से बात कर यह पता लगाएंगे कि दान के रूप में मिली एक ट्रस्ट की जमीन को कैसे हस्तांतरित किया गया। सीबीआइ के पास यह भी शिकायत मिली है कि भारत सेवाश्रम संघ पर दबाव देकर जमीन खरीदी गई है।

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जांच एजेंसी द्वारा प्राप्त दस्तावेजों से पता चला है कि भूमि सुचिन्त्यकुमार चट्टोपाध्याय नाम के व्यक्ति द्वारा बीरभूम में भारत सेवाश्रम संघ की स्थानीय शाखा को जन सेवा कार्य के लिए दान में दी गई थी। बाद में उस जमीन को बाजार भाव से काफी कम कीमत पर 1.60 करोड़ रुपये में अनुब्रत की पुत्री की कंपनी एएनएम एग्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड ने खरीदा।

दस्तावेज पर भारत सेवाश्रम संघ के अध्यक्ष स्वामी संघमित्रानंद के हस्ताक्षर हैं। जांचकर्ताओं का दावा है कि एएनएम एग्रोकेम की ओर से बिद्युतवरन गायेन ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किया है, जो वास्तव में अनुब्रत के घर पर रसोइए का काम करता है। सीबीआइ को मिले दस्तावेजों के मुताबिक एएनएम एग्रोकेम के निदेशकों में से एक अनुब्रत की बेटी सुकन्या हैं। एएनएम एग्रोकेम ने 2018 में भारत सेवाश्रम संघ से जमीन खरीदी थी और 2021 में उसका रजिस्ट्रेशन कराया था। सुचिन्त्यकुमार चट्टोपाध्याय ने गांव के पुरुषों और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के इरादे से जमीन दी थी। वहां ऐसा कोई केंद्र स्थापित नहीं किया गया है। जांचकर्ताओं का सवाल है कि क्या इस तरह से दान की गई जमीन को हस्तांतरित किया जा सकता है? क्या भूमि का मूल्यांकन संभव है? जांचकर्ताओं का सवाल है कि संघ की ओर से सरकार को जमीन दी गई होती तो कहने को कुछ नहीं था। लेकिन इसे निजी क्षेत्र को कैसे बेचा गया? संघ को जो जमीन मुफ्त में मिली, उस जमीन की बिक्री का पैसा कहां खर्च हुआ? सीबीआइ जवाब तलाश रही है। उसका दावा है कि यह सत्यापित करना भी आवश्यक है कि क्या भारत सेवाश्रम संघ को वह धन प्राप्त हुआ है जिसके लिए कागज-कलम पर भूमि हस्तांतरित की गई है। इधर इस बारे में पूछने पर संघ के अधिकारियों ने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।

गौरतलब है कि भारत सेवाश्रम संघ एक हिंदू धार्मिक और आध्यात्मिक संगठन है जो मानवीय कार्यों पर केंद्रित है। इसकी स्थापना 1917 में देशभक्त संत आचार्य श्रीमत स्वामी प्रणवानंद महाराज ने की थी। इसका मुख्यालय कोलकाता में है तथा देश-विदेश में इसकी 46 शाखाएं हैं।


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