तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी, नारद कांड में ईडी ने बंगाल के मंत्री समेत पांच को भेजा नोटिस
ईडी ने बंगाल के मंत्री शुभेंदु अधिकारी लोकसभा सदस्य सौगत रॉय काकोली घोष दस्तीदार अपरूपा पोद्दार तथा पूर्व पुलिस अधिकारी एसएमएच मिर्जा से मांगा संपत्ति व बैंक खातों का ब्योरा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। नारद स्टिंग ऑपरेशन कांड में धन शोधन के पहलू की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले में आरोपित पांच लोगों को नोटिस भेजा है तथा इनसे संपत्ति तथा बैंक खातों का ब्यौरा मांगा है। जिन पांच लोगों को नोटिस भेजा गया है उनमें पश्चिम बंगाल के मंत्री शुभेंदु अधिकारी, लोकसभा सदस्य सौगत रॉय, काकोली घोष दस्तीदार, अपरूपा पोद्दार तथा पूर्व पुलिस अधिकारी एसएमएच मिर्जा शामिल हैं। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले दो बार इन्हें नोटिस भेजा गया था, लेकिन उनसे मांगी गई जानकारी अब तक प्राप्त नहीं हुई ।
सात साल का संपत्ति तथा बैंक का ब्योरा मांगा
ईडी सूत्रों ने बताया, ‘‘हमनें अब उन्हें नोटिस भेजा है और उनमें से सभी ने आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही जवाब देंगे।’’ धन शोधन रोधी जांच एजेंसी ने आरोपितों को पिछले सात साल का संपत्ति तथा बैंक का ब्योरा देने को कहा है। बताते चलें कि कुछ दिन पहले ईडी ने इस कांड में आरोपित भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा तत्कालीन तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल राय को भी नोटिस भेजा था तथा उनसे भी बैंक के ब्योरे के साथ ईडी ऑफिस में हाजिर होने को कहा गया था।
कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी भी शामिल
गौरतलब है कि ईडी के अलावा सीबीआई भी मामले की जांच कर रही है। पार्टी के पूर्व सांसद एवं मामले में आरोपित सुल्तान अहमद की सितंबर 2017 में मृत्यु हो गई। नारद मामले में आरोपितों की सूची में कोलकाता के पूर्व मेयर व भाजपा नेता शोभन चटर्जी का नाम भी शामिल है। मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर नवंबर 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे,जबकि शोभन चटर्जी पिछले साल भगवा पार्टी में शामिल हुए थे।
सीईओ मैथ्यू सैमुएल ने 2014 में किया स्टिंग
उल्लेखनीय है कि नारद न्यूज पोर्ट के सीईओ मैथ्यू सैमुएल ने 2014 में एक स्टिंग ऑपरेशन किया था। वीडियो फुटेज में, बाद में भाजपा का दामन थामने वाले दो नेताओं सहित राज्य में तृणमूल कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता और एक आईपीएस अधिकारी एक काल्पनिक कंपनी को लाभ पहुंचाने के एवज में उसके प्रतिनिधियों से कथित तौर पर रुपये लेते नजर आये थे।
वीडियो फुटेज से राजनीति में भूचाल आया था
हालांकि, 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले न्यूज पोर्टल पर वीडियो फुटेज डाल दी गई, जिससे राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था। इस मामले में जिस एकमात्र व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, वह आईपीएस अधिकारी एस एम एच मिर्जा हैं। उन्हें बाद में जमानत पर अदालत ने रिहा कर दिया। यह स्टिंग ऑपरेशन जब हुआ था, तब मिर्जा वर्द्धमान जिले के पुलिस अधीक्षक थे।