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शिक्षा संस्थानों में अपनी ताकत का आकलन करने में जुटी तृणमूल

सत्तारूढ़ तृणमूल काग्रेस की छात्र शाखा तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) ने राज्य के समस्त कॉलेज में अपनी ताकत का आकलन करने के लिए विभिन्न कॉलेजों में सक्रियता बढ़ा दी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 10:00 AM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 10:00 AM (IST)
शिक्षा संस्थानों में अपनी ताकत का आकलन करने में जुटी तृणमूल
शिक्षा संस्थानों में अपनी ताकत का आकलन करने में जुटी तृणमूल

जागरण संवाददाता, कोलकाता : सत्तारूढ़ तृणमूल काग्रेस की छात्र शाखा तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) ने राज्य के समस्त कॉलेज में अपनी ताकत का आकलन करने के लिए विभिन्न कॉलेजों में सक्रियता बढ़ा दी है। विभिन्न कॉलेजों में वषरें से लंबित छात्र परिषद के चुनाव को देखते हुए समीक्षा की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए महानगर समेत विभिन्न जिलों में टीएमसीपी की वास्तविक क्षमता का आकलन करने के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने एक निर्देशावली तैयार की है। इसमें कई सवालों की सूची शामिल की गई है जिसके जरिए यह पूछा गया है कि राज्य के विभिन्न कॉलेजों में टीएमसीपी और बाकी छात्र संगठनों की वास्तविक स्थिति क्या है।

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टीएमसीपी केसूत्रों के मुताबिक प्रदेश नेतृत्व की ओर से जारी निर्देशावली सभी जिलों में पहुंच चुकी हैं। इसके माध्यम से शीर्ष नेतृत्व यह अंदाजा लगा सकेगा कि कॉलेजों में उसकी स्थिति क्या है? यही नहीं, विरोधी छात्र संगठनों की वर्तमान स्थिति का भी पता चल पाएगा। दूसरी ओर, समीक्षात्मक रिपोर्ट में वामपंथी छात्र संगठन एसएफआइ, भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), काग्रेस समर्थित छात्र परिषद और एसयूसीआइ के छात्र संगठन डीएसओ की विभिन्न कॉलेजों में मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी देने को कहा गया है। टीएमसीपी प्रदेश नेतृत्व ने विभिन्न कॉलेजों के प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा कॉलेजों के प्राचार्य, सबके प्रिय तीन शिक्षकों का विवरण एकत्र करने का भी निर्देश दिया गया है। छात्र प्रतिनिधियों के नाम, उनके फोन नंबर, प्रबंधन समिति के सदस्यों के बारे में भी पूरी जानकारी एकत्र की जा रही है। उल्लेखनीय है कि राज्य में 2016-17 में विभिन्न कॉलेजों में अंतिम बार छात्र परिषद के लिए मतदान हुए थे। कॉलेजों में मतदान को लेकर हिंसा को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सेंट जेवियर्स कॉलेज के मॉडल पर कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में गैर-राजनीतिक छात्र काउंसिल गठन करने की बात कही थी। इस संदर्भ में राज्य सरकार ने विधानसभा में विधेयक पारित किया है।


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