तृणमूल की महिला इकाई ने मौन जुलूस निकालकर किया एनआरसी का विरोध
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध को तृणमूल की महिला ईकाई ने स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और नारी व शिशु कल्याण मंत्री डॉ. शशि पाजा के नेतृत्व में गुरुवार को गोलपार्क से हाजरा तक मौन जुलूस निकालकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध को तृणमूल की महिला ईकाई ने स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और नारी व शिशु कल्याण मंत्री डॉ. शशि पाजा के नेतृत्व में गुरुवार को गोलपार्क से हाजरा तक मौन जुलूस निकालकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया। जुलूस में शामिल सभी महिलाओं ने काली साड़ी पहनी थी और मुंह पर काला कपड़ा बांध रखा था। इस मौके पर मीडिया से बातचीत में चंद्रिमा भट्टाचार्य ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सीएए-एनआरसी के जरिए जाति-धर्म की सियासत कर रही है ताकि यहां से एक समुदाय विशेष के लोगों को बाहर किया जा सके। उन्होंने कहा-'हम सीएए-एनआरसी के विरोध को मौन जुलूस निकालकर रोष व्यक्त करने के साथ ही आम लोगों को इस काले कानून में व्याप्त खामियों से अवगत करा रहे हैं। भाजपा के नेता विपक्ष के विरोध को कमजोर करने के लिए अशालीन भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन हम एक जिम्मेदार पार्टी से ताल्लुक रखते हैं और मर्यादा बनाए रखने में विश्वास रहते हैं। हमारी नेत्री ममता बनर्जी ने जन हित में कई आंदोलन किए हैं। सिंगुर-नंदीग्राम के आंदोलन में मुख्यमंत्री के संघर्ष को राज्य की जनता ने देखा है। हम किसी भी सूरत में इस काले कानून को यहां लागू नहीं होने देंगे। हमारा विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक मोदी सरकार इसे वापस नहीं ले लेती।' राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बजट से पूर्व कोई भी बजट को नहीं देख सकता है और रही बात राज्यपाल की, तो उन्हें बजट देखने का कोई अधिकार ही नहीं है। राज्य सरकार नियम-कायदों को मानकर कार्य कर रही है। राज्यपाल एक पार्टी विशेष को खुश करने के लिए निराधार बयानबाजी कर रहे हैं। मौन जुलूस में शामिल 90 वर्षीया सरस्वती दास ने कहा-'केंद्र सरकार बांटने की सियासत कर रही है, जिसके विरोध के लिए महिलाएं सड़क पर उतरी हैं और जब महिलाएं किसी आंदोलन में कूदती हैं तो फिर किसी की नहीं चलती है। हम इंसान और इंसानियत की रक्षा के लिए सीएए-एनआरसी का विरोध कर रही हैं।' गौरतलब है कि आठ व नौ फरवरी को पार्टी प्रतिनिधि ब्लॉक स्तर पर एससी-एसटी समुदाय के लोगों से मुलाकात कर उन्हें पेश आ रही समस्याओं पर चर्चा करेंगे। इसके बाद 10 से 13 फरवरी तक बूथ स्तर पर बैठकें आयोजित की जाएंगी।