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तृणमूल ने कहा- भाजपा को बंगाल के अपने नेताओं पर भरोसा नहीं, चुनाव से पहले बाहर से ला रही नेता

बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को एक बार फिर आरोप लगाया कि भाजपा बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले बाहर से पदाधिकारियों को ला रही है क्योंकि उसके केंद्रीय नेतृत्व को स्थानीय नेताओं पर भरोसा नहीं है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 10:59 AM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 10:59 AM (IST)
तृणमूल ने कहा- भाजपा को बंगाल के अपने नेताओं पर भरोसा नहीं, चुनाव से पहले बाहर से ला रही नेता
भाजपा को बंगाल के अपने नेताओं पर भरोसा नहीं, चुनाव से पहले बाहर से ला रही नेता: तृणमूल

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर आरोप लगाया कि भाजपा बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले बाहर से पदाधिकारियों को ला रही है क्योंकि उसके केंद्रीय नेतृत्व को स्थानीय नेताओं पर भरोसा नहीं है।

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तृणमूल सांसद काकाली घोष दस्तीदार ने यहां पार्टी मुख्यालय में कहा कि भाजपा ने झूठ तैयार करने की फैक्टरी खोल रखी है, जिन्हें उसकी दुष्प्रचार मशीनरी के जरिए फैलाया जाता है। बारासात लोकसभा क्षेत्र से सांसद दस्तीदार ने कहा, ''भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व दूसरे राज्यों से पदाधिकारियों को ला रहा है क्योंकि स्थानीय नेतृत्व पर उसे भरोसा नहीं है।'' भाजपा ने अप्रैल-मई 2021 में होने वाले चुनाव के मद्देनजर राज्य को पांच संगठनात्मक क्षेत्रों में विभाजित करके केंद्रीय नेताओं को इनका प्रभारी नियुक्त किया है।

तृणमूल की वरिष्ठ नेता दस्तीदार ने कहा, ''बंगाल में भाजपा के पास कोई नेता नहीं है जबकि राज्य ने देश की सबसे बेहतरीन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दी हैं। उनका कोई मुकाबला नहीं है।'' उन्होंने कहा कि भाजपा के पास झूठ तैयार करने की फैक्टरी है और इन झूठों को उसकी दुष्प्रचार मशीनरी के जरिए फैलाया जाता है। हालांकि उन्होंने इसका कोई विशिष्ट उदाहरण नहीं दिया।

बताते चलें कि इससे पहले शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व मंत्री ब्रात्य बसु ने भी बाहरी का मुद्दा उठाते हुए भाजपा पर गैर बंगाली बाहरी लोगों को बंगाल की जनता पर हावी होने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।

हालांकि भगवा पार्टी ने इसे ''निराधार और राजनीति से प्रेरित'' बताकर खारिज कर दिया था। मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा था कि भाजपा ''बंगाली विरोधी'' है और यही वजह है कि 2014 से केंद्र में सत्तारूढ़ इस पार्टी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में किसी भी बंगाली को शामिल नहीं किया। उन्होंने यहां तक कहा था कि कविगुरु रविंद्र नाथ टैगोर को नहीं जानने वाले बाहरी लोग राज्य की जनता पर हावी हो रहे हैं। 


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