दो फरवरी को तृणमूल का होगा सांगठनिक चुनाव, अभिषेक बनर्जी का और बढ़ सकता है कद
इस चुनाव में ममता बनर्जी का एक बार फिर पार्टी अध्यक्ष निर्वाचित होना तय ही है लेकिन अभिषेक बनर्जी का कद तृणमूल में और कितना बड़ा होगा इस पर सबकी नजर रहेगी। अब तक तृणमूल में ममता के बाद अभिषेक को अघोषित रूप से सेकेंड-इन-कमान माना जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। विधानसभा चुनाव में तीसरी बार जीत के बाद मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के साथ-साथ पार्टी संगठन में उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी का कद बढ़ गया। यही वजह है कि अभिषेक बनर्जी को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके बाद से वह गोवा, त्रिपुरा समेत कई और राज्यों में वह पार्टी के विस्तार को लेकर सक्रिय है। अब तृणमूल कांग्रेस का सांगठनिक चुनाव होना है।
मंगलवार को पार्टी महासचिव व उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के संगठनिक चुनाव के दिन की घोषणा की है। दो फरवरी से सांगठनिक चुनाव होगा और 31 मार्च को नई कार्यकारिणी गठित होने का साथ यह चुनाव प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी। इस चुनाव में ममता बनर्जी का एक बार फिर पार्टी अध्यक्ष निर्वाचित होना तय ही है, लेकिन अभिषेक बनर्जी का कद तृणमूल में और कितना बड़ा होगा इस पर सबकी नजर रहेगी। अब तक तृणमूल में ममता के बाद अभिषेक को अघोषित रूप से सेकेंड-इन-कमान माना जा रहा है।
पार्थ चटर्जी ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया नेताजी इंडोर स्टेडियम में होगी। चुनाव प्रक्रिया कोरोना के नियमों का अनुपालन में पूरी की जाएगी। पार्थ चटर्जी तृणमूल के सांगठनिक चुनाव के रिटर्निंग आफिसर होंगे और उन्हीं की देखरेख में चुनाव संपन्न होगा।
पार्थ ने कहा कि मैं 25 जनवरी तक उन लोगों की सूची तैयार करूंगा जो हमारे प्रतिनिधि, मतदाता और पर्यवेक्षक होंगे। इस पर चर्चा कर सुनिश्चित किया जाएगा ताकि चयन प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके। चुनाव प्रक्रिया हमारे संविधान के अनुसार होगी। मैं पार्टी स्तर पर नोटिस जारी करूंगा। पहले पार्टी अध्यक्ष का चुनाव होगा, फिर एक कार्य समिति का गठन किया जाएगा। ध्यान दें कि तृणमूल कांग्रेस का सांगठनिक चुनाव इससे पहले 2017 में हुआ था। कुछ राजनीतिक दलों में पांच साल तो कुछ में तीन साल पर सांगठनिक चुनाव होते हैं। तृणमूल में पांच वर्ष बाद चुनाव होने जा रहा है।
अंतर्कलह के बीच होगा चुनाव
इस समय तृणमूल में अंतर्कलह काफी तेज है। खासकर सत्ताधारी पार्टी के सांसद और लोकसभा के मुख्य सचेतक कल्याण बंद्योपाध्याय ने जिस तरह से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी पर हमला बोला है, उसके बाद पार्टी में बहस शुरू हो गई है। इसके साथ ही पूर्व मंत्री मदन मित्रा की बातों से भी तृणमूल नेतृत्व असहज है। मदन को पार्टी की अनुशासन समिति ने भी चेतावनी दी है, हालांकि पार्थ चटर्जी ने मंगलवार को कहा कि पार्टी के भीतर कोई विवाद नहीं है।