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West Bengal: सेल के आरएमडी मुख्यालय को कोलकाता से स्थानांतरित करने के फैसले का तृणमूल ने किया विरोध

सेल के आरएमडी मुख्यालय में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हस्तक्षेप की मांग के बाद विरोध में उतरी तृणमूल। कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि आरएमडी मुख्यालय को कभी भी बंद किया जा सकता है और इसे ओडिशा और झारखंड में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 08:40 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 08:40 AM (IST)
West Bengal: सेल के आरएमडी मुख्यालय को कोलकाता से स्थानांतरित करने के फैसले का तृणमूल ने किया विरोध
स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (सेल) के आरएमडी मुख्यालय कोलकाता

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (सेल) द्वारा कोलकाता स्थित अपने कच्चे माल के डिवीजन (आरएमडी) मुख्यालय को बंद कर इसे राउरकेला व बोकारो में स्थानांतरित करने के निर्णय का बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पुरजोर विरोध किया। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य व राष्ट्रीय प्रवक्ता शुभेंदु शेखर राय ने कहा कि कोलकाता स्थित सेल के आरएमडी मुख्यालय में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के एक वर्ग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

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कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि आरएमडी मुख्यालय को कभी भी बंद किया जा सकता है और इसे ओडिशा और झारखंड में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। तृणमूल सांसद ने कहा कि सेल आरएमडी, कोलकाता के कर्मचारी इस समय एक बुरे स्वप्न के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि इसे बंद करने का निर्णय लिया गया है तो यह बंगाल में स्थित दुर्गापुर व बर्नपुर जैसे इस्पात संयंत्रों के काम को प्रभावित करेगी।

उन्होंने कहा कि आरएमडी की स्थापना बंगाल में स्थित देश के प्रमुख इस्पात संयंत्रों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने के लिए किया गया था।तृणमूल नेता ने कहा कि वित्त वर्ष 2020- 21 में सेल ने लगभग 3470 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया है और इसके पीछे आरएमडी, कोलकाता का महत्वपूर्ण योगदान है।बावजूद इसके यदि केंद्र सरकार इसे बंद करती है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा।

उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि कैसे केंद्र सरकार ने विशाखापट्टनम स्टील प्लांट के निजीकरण का फैसला किया है। हम जानना चाहते हैं कि क्या केंद्र सरकार बंगाल के साथ भी ऐसा ही करेगी? उन्होंने इस मामले में केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की है।दरअसल, ऐसी खबर है कि हाल में कंपनी के बोर्ड ने कोलकाता में डिवीजन मुख्यालय को बंद करने और अपनी खानों का नियंत्रण उनके स्थान पर राउरकेला स्टील प्लांट (ओडिशा) और बोकारो स्टील प्लांट (झारखंड) को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है।

हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा की जानी बाकी है। इस कदम से सेल को सालाना लगभग 40 करोड़ रुपये की बचत होने की संभावना है। इस निर्णय से खासकर इकाई से जुड़े संविदा कर्मचारियों की नौकरी को झटका लग सकता है। इसीलिए संविदा कर्मचारियों के एक वर्ग ने फैसले पर पुनर्विचार के लिए सेल अध्यक्ष के अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी हस्तक्षेप की मांग की है। 


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