तृणमूल नेता ने कहा- पार्थ चटर्जी की लाइफ आज अलग ही होती यदि मैं उन्हें राजनीति में ना लाता
तृणमूल के वरिष्ठ नेता व कृषि व संसदीय कार्य राज्य मंत्री शोभन देब चट्टोपाध्याय ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की दशा पर दुख जताया है। उन्होंने कहा है कि पार्थ चटर्जी का जीवन आज पूरी तरह अलग और सुकून भरा होता यदि वे उन्हें राजनीति में नहीं लाते।
कोलकाता, आनलाइन डेस्क। तृणमूल के वरिष्ठ नेता व कृषि व संसदीय कार्य राज्य मंत्री शोभन देब चट्टोपाध्याय ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की दशा पर दुख जताया है। उन्होंने कहा है कि पार्थ चटर्जी का जीवन आज पूरी तरह अलग और सुकून भरा होता यदि वे उन्हें राजनीति में नहीं लाते। पार्थ पहले कारपोरेट कंपनी में काम करते थे। वर्तमान में वे बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन द्वारा करोड़ों रुपये के शिक्षक नियुक्ति घोटाला में न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। शोभन देब ने ही पार्थ चटर्जी और सीएम ममता बनर्जी के बीच बातचीत के माध्यम बने थे। उन्होंने ही पार्थ को कारपोरेट की जॉब छोड़कर सक्रिय राजनीति ज्वाइन करने की सलाह दी थी। उनके प्रयासों से ही पार्थ चटर्जी ने 2001 के विधान सभा चुनाव के पहले राजनीति में एंट्री की थी।
शोभन देब ने कहा कि मैं ही पार्थ चटर्जी को राजनीति में ले आया था। मगर आज उनकी दशा देखकर लगता है कि मैं उन्हें यदि राजनीति में नहीं लाता तो आज उनका जीवन और किस्मत अलग ही होती। शोभन देब ने यह बात अपने आवास के निकट एक दुर्गा पूजा पंडाल में मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहीं।
बता दें कि पार्थ चटर्जी ने नरेंद्रपुर स्थित रामकृष्ण मिशन स्कूल से पढ़ाई की थी। कोलकाता के आशुतोष कॉलेज से इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएशन करते वक्त छात्र राजनीति में उनकी एंट्री कांग्रेेस के छात्र परिषद् ईकाइ के माध्यम से हुई थी। छात्र राजनीति में उनके मेंटर तृणमूूल के दिग्गज नेता सुब्रत मुखर्जी थे। पार्थ ने इंडियान इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल वेलफेयर एंड बिजनेस मैनेजमेंट से पीजी की डिग्री हासिली करने के बाद छात्र राजनीति से दूरी बना ली थी। उन्होंने एंड्रयू यूल ग्रुप में बतौर जूनियर एक्जीक्यूटिव जॉब ज्वाइन की । राजनीति में आने के लिए उन्होंने जनरल मैनेजर (मानव संसाधन) के पद से रिजाइन किया था। 2001 के विधान सभा में एंट्री के साथ ही पार्थ चटर्जी ने बेहाला सीट से वाम माेर्चा की लहर में भी बड़़ी जीत हासिल की थी। तब से अब तक वे बेहाला सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं।