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West Bengal Election:निकाय चुनाव में सीएए के विरोध साथ विकास को भी हथियार बनाएगी तृणमूल कांग्रेस

आगामी निकाय चुनाव सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के विरोध साथ विकास को भी हथियार बनाएगी.

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 11 Mar 2020 01:07 PM (IST)Updated: Wed, 11 Mar 2020 02:37 PM (IST)
West Bengal Election:निकाय चुनाव में सीएए के विरोध साथ विकास को भी हथियार बनाएगी तृणमूल कांग्रेस
West Bengal Election:निकाय चुनाव में सीएए के विरोध साथ विकास को भी हथियार बनाएगी तृणमूल कांग्रेस

कोलकाता,जेएनएन। West Bengal Municipal Elections 2020. आगामी निकाय चुनाव सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के विरोध साथ विकास को भी हथियार बनाएगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इसके लिए सभी वार्डों में तृणमूल कांग्रेस के विकास मूलक कार्यों को जनता के सामने रखने को कहा गया है तथा पार्टी की ओर से इसका प्रचार भी चलाया जाएगा। 

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बताते चलें कि पश्चिम बंगाल होने वाले निकाय चुनाव में भाजपा ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रार (एनआरसी) को नहीं बल्कि तृणमूल कांग्रेस की नाकामियों को अपना हथियार बनाना चाहती है।

बंगाल भाजपा सूत्रों के मुताबिक, राज्य में सीएए को लेकर मिल रहे कमजोर रिस्पांस को लेकर पार्टी ने यह निर्णय लिया है। इसके साथ ही भाजपा निकाय चुनाव में सभी वाडरें में एक समीक्षा करना चाहती है जिससे पता चल सके कि लोग क्या सोच रहे हैं। इसके बाद भाजपा अपनी रणनीति को अंतिम रूप देगी।

बताते चलें कि तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की विफलता को दूर करने के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को नियुक्त किया था। उन्होंने जिम्मेदारी मिलने के साथ ही सर्वेक्षण पर जोर दिया। वह मानव मन को पढ़ना चाहते थे। भाजपा भी इस बार वही रास्ता अपना रही है। वह कोलकाता नगर निगम के 144 वार्डों में सर्वेक्षण कर रही है। भाजपा यह समझने की कोशिश कर रही है कि जनता क्या चाहती है। यह समझना चाहती है कि सीएए-एनआरसी का समर्थन कर रहे हैं या नहीं।

दरअसल, भाजपा तृणमूल कांग्रेस के रास्ते पर ही चल पड़ी है। जनता जो चाहती है पार्टी उसी रास्ते पर चलेगी। यदि आवश्यक हुआ तो सीएए-एनआरसी को दूसरी कतार में रखेगी। बंगाल भाजपा सूत्रों के मुताबिक, राज्य में सीएए को लेकर मिल रहे कमजोर रिस्पांस को लेकर भाजपा को लगता है कि इस पर ज्यादा फोकस नहीं करना बेहतर होगा।

पार्टी सूत्रों का मानना है कि सीएए या एनआरसी पर फोकस नहीं कर तृणमूल की नाकामियों को उजागर करने पर अधिक लाभ होगा। तदनुसार, पिछले चुनाव में तृणमूल कांग्रेस जिन वादों को पूरा करने में विफल रही है उन सभी को मतदाताओं के सामने पेश करेगी। भाजपा नेता लोगों से उनके विचारों का आदान-प्रदान कर रहे हैं और उन समस्याओं की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे आम लोग ग्रस्त हैं। भाजपा अपने अभियान में लोगों के मुद्दों पर प्रकाश डालेगी।

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