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प बंगाल में भाजपा आज तृणमूल कांग्रेस के 'कटमनी' व्यवस्था के खिलाफ करेगी विरोध प्रदर्शन

Katmani controversy पश्चिम बंगाल में आज भाजपा तृणमूल कांग्रेस के कटमनी की व्यवस्था के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 10:51 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 10:51 AM (IST)
प बंगाल में भाजपा आज तृणमूल कांग्रेस के 'कटमनी' व्यवस्था के खिलाफ करेगी विरोध प्रदर्शन
प बंगाल में भाजपा आज तृणमूल कांग्रेस के 'कटमनी' व्यवस्था के खिलाफ करेगी विरोध प्रदर्शन

कोलकाता, एएनआई। पश्चिम बंगाल में आज भाजपा तृणमूल कांग्रेस के कटमनी की व्यवस्था के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी। भाजपा के दबाव बनाने का ही नतीजा है कि सीएम ममता बनर्जी ने अपने पार्टी पदाधिकारियों से लोगों से ली गई कट मनी वापस करने का आदेश दिया है। 

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जानकारी हो कि पश्चिम बंगाल की मुख्यंमंत्री ममता बनर्जी ने गत 16 जून को अपनी ही पार्टी के नेताओं को निर्देश दिया था कि वे आम लोगों से सरकारी परियोजनाओं का लाभ दिलाने की एवज में वसूली गई रकम (कटमनी) लौटा दें। उसके बाद से इस लेकर राज्यभर में बवाल मचा हुआ है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में लोग सड़कों पर उतरकर घूस लेने वाले तृणमूल नेताओें के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बढ़ते जनाक्रोश को देखते हुए प्रशासन ने भी सक्रिया दिखाई थी।

पिछले सप्ताह ही राज्य में कानून व्यवस्था के एडीजी ने कहा था कि राज्यभर से सरकारी परियोजनाओं में धांधली और रिश्वतखोरी की जितनी भी शिकायतें मिलेंगी उसके खिलाफ पुलिस मौजूदा प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करेगी। उन्होंने बताया था कि सीआरपीसी की धारा 409 के तहत आर्थिक धांधली का केस दर्ज किया जाएगा और कार्रवाई होगी। लेकिन सच्चाई इससे अलग है। कटमनी से जुड़ी अब तक हजारों शिकायतें आ चुकी है लेकिन किसी भी मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। कुछ दिन पहले खुद मुख्यमंत्री ने राज्य विधानसभा में कहा था कि राज्य में अब तक 5000 से अधिक शिकायतें मिली हैं। 

दूसरी तरफ गृह विभाग का कहना है कि अब तक इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में कटमनी को लेकर मुख्यमंत्री ने जो सख्ती दिखाई थी वह महज छलावा बनता प्रतीत हो रही है। उधर आम लोगों के भारी विरोध के कारण जनप्रतिनिधि मजबूरन घर छोड़कर दूसरे क्षेत्रों में शरण लिए हुए हैं। दरअसल राज्यभर में जहां भी कटमनी की शिकायत मिलती है और इसके खिलाफ लोग सड़कों पर उतरते हैं, उसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन की ओर से राज्य के गृह विभाग को भेजी जाती है। इसमें पता चला है कि विगत 11 दिनों में राज्य के 10 जिलों में कम से कम 40 से अधिक जगहों पर लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। अधिकतर जगहों पर तृणमूल के उन नेताओं को घेरा गया है जिन्होंने लोगों से सरकारी परियोजनाओं में रिश्वत ली है। इनमें केवल उत्तर दिनाजपुर के अलावा कहीं भी किसी भी शिकायत पर जांच भी शुरू नहीं की गई है। सबसे अधिक भ्रष्ट जिलों की सूची में हुगली, बीरभूम और पूर्व बर्दवान जिला शामिल है। इन जिलों में सबसे अधिक विरोध प्रदर्शन हुए हैं। गृह विभाग सूत्रों के मुताबिक बांकुड़ा, पुरुलिया, नदिया, कूचबिहार, मालदा जैसे जिलों में कटमनी वापसी की मांग को लेकर अपेक्षाकृत कम लोग सड़कों पर उतरे हैं। राज्य प्रशासन को आशंका है कि अगर यहां संगठित तौर पर विरोध प्रदर्शन होने लगा तो प्रशासन के लिए संभालना मुश्किल हो जायेगा। इसलिए कटमनी के मामले में मिली शिकायतों पर जांच और कार्रवाई करने से राज्य सरकार हिचक रही है।

प्रशासन को आशंका है कि अगर किसी मामले में कोई कार्रवाई होती है तो उससे प्रेरित होकर लोग राज्यभर में सड़कों पर उतरने लगेंगे और तब पूरे राज्य में अराजक माहौल बनेगा जिसे संभालना राज्य प्रशासन के लिए मुश्किल होगा। गृह विभाग का कहना है कि अभी तक कटमनी वापस मांगने की प्रथा केवल ग्रामीण बंगाल में शुरू हुई है। शहरी क्षेत्र में इसकी शुरूआत नहीं हो सकी है।

जानकारी हो कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने स्थानीय लोगों के दबाव में कटमनी के तौर पर ली गई 2.28 लाख रुपये की रक़म लौटा दी। यह घटना बीरभूम जिले के सिउड़ी की है। 

क्‍या है कटमनी

स्थानीय भाषा में कटमनी उस रकम को कहा जाता है जो सत्तारुढ़ पार्टी के नेता सरकारी परियजोनाओं के लिए आवंटित रकम में से कमीशन के तौर पर लेते हैं। विपक्ष इस मुद्दे पर ममता बनर्जी सरकार पर लगातार दबाव बना रहा है।  इस मुद्दे पर विधानसभा में जम कर हंगामा हुआ है । सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में तू-तड़ाक हुई। विपक्ष इस मुद्दे पर श्वेतपत्र जारी करने और पूरे मामले की जांच कराने की मांग कर रहा है। दूसरी ओर, कटमनी विवाद धीरे-धीरे पूरे राज्य में फैलने लगा है। अब इस मुद्दे को लपकते हुए विपक्षी राजनीतिक दलों ने मुख्यमंत्री और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी और उनके सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी तक को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

ममता ने तृणमूल कांग्रेस के पार्षदों के साथ हाल में एक बैठक में कहा था कि वे चोरों को पार्टी में नहीं रखना चाहतीं। उनका कहना था, कुछ नेता ग़रीबों को मकान के लिए मिलने वाली अनुदान की रकम में से 25 फीसदी कमीशन मांग रहे हैं। यह तुरंत बंद होना चाहिए। ममता ने कहा था कि अगर किसी ने ऐसा कमीशन लिया है तो वह इसे फौरन वापस लौटा दे। अब कटमनी लेने वालों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। ममता की इस टिप्पणी के बाद ही विवाद पैदा हो गया है। उसके बाद राज्य के विभिन्न इलाकों में तृणमूल नेताओं, पार्षदों और पंचायत प्रतिनिधयों को आम लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह तो उनके साथ मार-पीट की घटनाएं भी हुई हैं। पार्टी के कई नेताओं और पार्षदों को भी ममता की यह टिप्पणी नागवार गुजरी है। दूसरी ओर, विपक्ष ने इस मुद्दे को लपक लिया है।


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