प्रशांत किशोर के ट्वीट को लेकर भूपेश बघेल पर तृणमूल कांग्रेस ने हमला बोला, आपको अपने वजन से ऊपर पंच करना शोभा नहीं देता
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस पर निशाना साधने वाले ट्वीट को लेकर कांग्रेस व टीएमसी टि्वटर पर भिड़ गई हैं। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने पलटवार किया तो ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस उनसे ट्विटर पर ही भिड़ गई।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस पर निशाना साधने वाले ट्वीट को लेकर कांग्रेस व टीएमसी टि्वटर पर भिड़ गई हैं। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने पलटवार किया तो ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस उनसे ट्विटर पर ही भिड़ गई। शुक्रवार को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की जड़ों में ही दिक्कत है। प्रशांत किशोर के इस ट्वीट पर कांग्रेस नेता व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी पलटवार किया और बिना नाम लिए हुए तृणमूल कांग्रेस एवं ममता बनर्जी पर निशाना साधा।
भूपेश बघेल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि जो लोग खुद भी अपनी सीट नहीं जीत सकते हैं और कांग्रेस के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करा कर राष्ट्रीय विकल्प बनने की संभावनाएं देख रहे हैं उन्हें बड़ी निराशा हुई है। साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि दुर्भाग्य से एक राष्ट्रीय विकल्प बनने के लिए गहरे और ठोस प्रयासों की आवश्यकता होती है और इसका कोई त्वरित समाधान उपलब्ध नहीं है।
भूपेश बघेल के इस ट्वीट पर तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट कर उन पर पलटवार किया। तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा कि पहली बार के मुख्यमंत्री से इतने वजनी शब्द आ रहे हैं। भूपेश बघेल आपको अपने वजन से ऊपर पंच करना शोभा नहीं देता है। यह आलाकमान को खुश करने की घटिया कोशिश है। वैसे भी क्या कांग्रेस एक और ट्विटर ट्रेंड के जरिए अमेठी में हुई ऐतिहासिक हार को मिटाने की कोशिश करने जा रही है?
गौरतलब है कि शुक्रवार को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लखीमपुर खीरी मामले को लेकर कांग्रेस के ऊपर निशाना साधा था। प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को ग्रैंड ओल्ड पार्टी बताते हुए ट्वीट किया था कि जो लोग इस उम्मीद में हैं कि लखीमपुर खीरी घटना के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष की तुरंत वापसी होगी, वो बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं। साथ ही उन्होंने ट्वीट में यह भी लिखा कि ग्रैंड ओल्ड पार्टी की जड़ों और संगठनात्मक कमजोरी का कोई त्वरित समाधान नहीं है।