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Durga Puja 2021 : कोलकाता में अर्द्धनारीश्वर की मूर्ति संग दुर्गा पूजा मना रहे हैं ट्रांसजेंडर्स

कोलकाता के कालिकापुर में ट्रांसजेंडर्स समुदाय के लोगों ने मां दुर्गा की प्रतिमा अर्द्धनारीश्वर के रूप में बनाई है। एसोसिएशन आफ ट्रांसजेंडर्स की सदस्य रंजीता सिन्हा ने कालिकापुर स्थित अपने घर में पूजा का आयोजन किया है। ट्रांसजेडर्स समुदाय में उत्साह। मुख्यधारा में स्वागत को तैयार नहीं समाज का वर्ग।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 08:57 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 10:27 PM (IST)
Durga Puja 2021 : कोलकाता में अर्द्धनारीश्वर की मूर्ति संग दुर्गा पूजा  मना रहे हैं ट्रांसजेंडर्स
लैंगिक असमानता का सामना कर रहा ट्रांसजेंडर्स समुदाय। मुख्यधारा में स्वागत करने को तैयार नहीं एक वर्ग।

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में दुर्गा पूजा की धूम है। राज्य के विभिन्न जिलों में अलग-अलग थीम के पंडाल बनाए जा रहे हैं और मां दुर्गा का अलग-अलग रूप रंग उभर कर सामने आ रहा है। वहीं, कोलकाता में ट्रांसजेंडर्स समुदाय के लोग अर्द्धनारीश्वर की मूर्ति के साथ दुर्गा पूजा का पर्व मना रहे हैं। कोलकाता के कालिकापुर में ट्रांसजेंडर्स समुदाय के लोगों ने मां दुर्गा की प्रतिमा अर्द्धनारीश्वर के रूप में बनाई है। दुर्गा पूजा को लेकर ट्रांसजेंडर्स लोग काफी उत्साहित हैं और पूरी श्रद्धा से पूजा का पालन किया जा रहा है। एसोसिएशन आफ ट्रांसजेंडर्स की सदस्य रंजीता सिन्हा ने कालिकापुर स्थित अपने घर में पूजा का आयोजन किया है।

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अर्द्धनारीश्वर के रूप में मां दुर्गा की हो रही है पूजा

-एसोसिएशन आफ ट्रांसजेंडर्स की सदस्य रंजीता सिन्हा ने बताया कि केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय की तरफ से मिले शेल्टर होम में इस बार त्योहार मनाया जा रहा है। शिव और पार्वती की अर्द्धनारीश्वर की मूर्ति की पूजा के बाद इसे यहां पर रखा जाता है। रंजीता ने कहा कि हमारा प्रतीकात्मक रूप अर्धनारीश्वर का है। वह शिव ही पार्वती हैं। हमें इतनी लैंगिक असमानता का सामना करना पड़ रहा है, हम ऐसा करने वालों को संदेश देना चाहते हैं कि ईश्वर में दिव्य रूप है। आधा शिव और आधा प्रकृति।

पूजा को लेकर ट्रांसजेडर्स समुदाय में है विशेष उत्साह

-बता दें कि ट्रांसजेंडर्स समुदाय को अभी भी समाज का एक वर्ग अच्छी निगाह से नहीं देखता है। वे पिछड़ा जीवन जीने के लिए बाध्य हैं। उनमें से कई ने इस बार पहली बार पूजा में हिस्सा लिया है। उनकी आंखों में, उनके चेहरों पर एक अजीब सी संतुष्टि है। परम शांति का अहसास है। वे कहते हैं कि पहली बार मैं इस तरह इतनी अच्छी तरह से पूजा कर रहा हूं। रयान सेन भी एक कन्वर्ट है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब मैं अपनी मां के सामने खड़ा हुआ हूं, जिस पर मैं अपने दिल की गहराई से विश्वास करता हूं।

मुख्यधारा में स्वागत करने को तैयार नहीं एक वर्ग

समाज में अभी भी यह समुदाय पिछड़ा माना जाता है। लेकिन इस समुदाय में भी वकील हैं, प्रोफेसर हैं, पुलिसकर्मी हैं, कलाकार हैं, अभिनेत्रियां हैं और जिन्होंने समाज में अपना स्थान हासिल किया है।लेकिन अभी भी बहुत से ऐसे लोग हैं, जिनके मन में इनके प्रति सही भाव नहीं होते हैं। अभी भी समाज का एक हिस्सा इन्हें मुख्यधारा में स्वागत करने को तैयार नहीं है। रंजिता सिन्हा कहती हैं कि हमारा लक्ष्य उन्हें दूर धकेलना और पूजा के चार दिनों तक सभी को खुश रखना है। उस आनंद से कोई वंचित न रहे।


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