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West Bengal : कारोबारियों ने मिलों में बंद की कच्चे जूट की आपूर्ति, उत्पादन प्रभावित होने की आशंका

बोरे की आपूर्ति कम होने से पंजाब हरियाणा में खाद्यान्न की पैकिंग हो सकती है प्रभावित जूट आयुक्त फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट गए जूट कारोबारी आज बंगाल सरकार ने बुलाई बैठक सरकार के फैसले के खिलाफ आपूर्तिकर्ताओं ने किया हाईकोर्ट का रुख।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 09:17 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 09:17 AM (IST)
West Bengal : कारोबारियों ने मिलों में बंद की कच्चे जूट की आपूर्ति, उत्पादन प्रभावित होने की आशंका
जूट आयुक्त फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट गए जूट कारोबारी

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कच्चे जूट के आपूर्तिकर्ताओं (बेलर) ने अधिकतम भंडारण सीमा को 1,500 क्विंटल से घटाकर 500 क्विंटल करने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में पूर्व निर्धारित घोषणा के तहत 23 नवंबर, सोमवार से जूट मिलों में कच्चे जूट की आपूर्ति स्थगित कर दी है। माना जा रहा है कि इससे देश में जूट बोरों की आपूर्ति करने वाली बंगाल की जूट मिलों में उत्पादन प्रभावित हो सकता है जिसका असर पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में खाद्यान की पैकिंग पर पड़ सकता है। इधर सरकार के फैसले के खिलाफ कच्चे जूट के आपूर्तिकर्ताओं के संगठन जूट बेलर्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट का रुख किया है। वहीं इस मसले पर बंगाल सरकार के खाद्य विभाग ने कल बैठक बुलाई है।

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जूट बेलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन मदन गोपाल माहेश्वरी ने कहा कि संगठन यह निर्णय लेने के लिये मजबूर हो गया क्योंकि इस तरह की मात्रा के साथ व्यापार करना लगभग असंभव है। वहीं जूट आयुक्त कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले महीने कच्चे जूट की कीमत 4,225 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य की तुलना में बढ़कर 6,000 रुपये प्रति क्विंटल ( मौजूदा समय 5,700 रुपये प्रति क्विंटल) हो जाने के बाद सरकार ने असामान्य मूल्य वृद्धि तथा जमाखोरी को रोकने के उद्देश्य से 17 नवंबर से अधिकतम भंडारण सीमा 1,500 क्विंटल से घटाकर 500 क्विंटल तय कर दी थी।

जूट बोरों का उत्पादन हो सकता है प्रभावित

दूसरी तरफ जूट मिलों के संगठन इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राघवेंद्र गुप्ता ने कहा कि कच्चे जूट की आपूर्ति बंद होने से उनके स्टॉक खत्म होने के बाद मिलों में उत्पादन रुक जाएगा। पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में खाद्यान्न पैकेजिंग के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 15 दिसंबर तक चार लाख गांठ के जूट के बोरों की आपूर्ति करनी है, लेकिन उत्पादन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा से आपूर्ति बाधित होगी।

सरकार के फैसले के खिलाफ आपूर्तिकर्ताओं ने किया हाईकोर्ट का रुख

सरकार के फैसले के खिलाफ कच्चे जूट के आपूर्तिकर्ताओं के संगठन जूट बेलर्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट का रुख किया है। वहीं इस मसले पर बंगाल सरकार के खाद्य विभाग ने कल बैठक बुलाई है।

कच्चे जूट के उत्पादन से जुड़े हैं 35 लाख किसान

ज्यादातर बंगाल की जूट मिलें देश में जूट बोरों की आपूर्ति करती हैं। देश में कुल कच्चे जूट के उत्पादन में बंगाल की हिस्सेदारी 45 फीसद है, जबकि शेष में बिहार, असम आदि राज्य हैं। बंगाल में मुख्य रूप से दिनाजपुर, नदिया, मुर्शिदाबाद तथा मालदा में कच्चे जूट का उत्पादन होता है। करीब 35 लाख किसान कच्चे जूट के उत्पादन से जुड़े हैं। वहीं जूट मिलों में करीब ढाई लाख मजदूर काम करतेे हैं। राज्य में प्रतिवर्ष 25 लाख गांठ कच्चेे जूट का उत्पादन होता है। वहीं जूट मिलें 75 लाख गांठ जूट बोरों का उत्पादन करती हैं। 


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