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चीन से माल लाने के लिए व्यापार संगठनों ने नौवहन क्षेत्र में नियामक की स्थापना का किया आग्रह

कई व्यापार संगठनों ने केंद्र से नौवहन के क्षेत्र में बढ़ते माल भाड़े पर काबू पाने के लिए नियामक बनाने की अपील की। भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने दावा किया है कि नौवहन क्षेत्र के परिचालक विभिन्न देशों से आवक के लिए अधिक माल भाड़ा मांग रहे हैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 06:12 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 06:12 PM (IST)
चीन से माल लाने के लिए व्यापार संगठनों ने नौवहन क्षेत्र में नियामक की स्थापना का किया आग्रह
देशभर में सभी निर्यातक इस समय यह समस्या का सामना कर रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : निर्यातकों द्वारा कंटेनर की कमी का सामना करने के बीच कई व्यापार संगठनों ने केंद्र से नौवहन के क्षेत्र में बढ़ते माल भाड़े पर काबू पाने के लिए एक नियामक की स्थापना करने का आग्रह किया है। भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने दावा किया है कि नौवहन क्षेत्र के परिचालक विभिन्न देशों से आवक के लिए अधिक माल भाड़ा मांग रहे हैं। खासतौर से चीन से माल लाने के लिए किया जा रहा है।

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चीन से आयात कम व कंपनियों ने भाड़ा बढ़ाया

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) की निर्यात और आयात पर राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष संजय बुधिया ने कहा कि चीन से आयात में कमी आई है और नौवहन कंपनियों ने भाड़े की दरों में वृद्धि की है। कोई भी शिपिंग कंपनी निर्यात खेपों को पहुंचाने के बाद खाली लौटना नहीं पसंद करती है। उन्होंने कहा कि देशभर में सभी निर्यातक इस समस्या का सामना कर रहे हैं। 

माल ढुलाई की दरों को नियंत्रित करने का आग्रह

बुधिया ने कहा कि इस स्थिति में माल बंदरगाहों पर पड़ा हुआ है। हमने सरकार से माल ढुलाई की दरों को नियंत्रित करने के लिए एक नौवहन नियामक की स्थापना करने का आग्रह किया है।’’ उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संकट के बावजूद निर्यात में तेजी आई है। लगातार छह महीने तक देश के निर्यात में कमी होने के बाद सितंबर में निर्यात 5.27 प्रतिशत बढ़कर 27.4 अरब डॉलर हो गया।


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