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बीरभूम में 'दीदीर दूत' कार्यक्रम में TMC MLA को झेलना पड़ा विरोध, ग्रामीणों ने काम नहीं करने का लगाया आरोप

टीएमसी विधायक सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यक्रम दीदीर दूत यानी कि ममता बनर्जी के दूत के तहत लोगों से जुड़ने के लिए बीरभूम जिले के एक गांव के दौरे पर गए थे जिस दौरान उन्हें लोगों का विरोध झेलना पड़ा। फोटो- जागरण ग्राफिक्स।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Tue, 24 Jan 2023 03:52 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2023 03:52 PM (IST)
बीरभूम में 'दीदीर दूत' कार्यक्रम में TMC MLA को झेलना पड़ा विरोध, ग्रामीणों ने काम नहीं करने का लगाया आरोप
बीरभूम में 'दीदीर दूत' कार्यक्रम में TMC MLA को झेलना पड़ा विरोध।

कोलकाता, पीटीआई। टीएमसी के विधायक आशीष बनर्जी को मंगलवार को बीरभूम जिले में विरोध का सामना करना पड़ा। दरअसल, टीएमसी विधायक सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यक्रम 'दीदीर दूत' यानी कि ममता बनर्जी के दूत के तहत लोगों से जुड़ने के लिए बीरभूम जिले के एक गांव के दौरे पर गए थे, जिस दौरान उन्हें लोगों का विरोध झेलना पड़ा। मालूम हो कि बंगाल में इस वर्ष पंचायत चुनाव होने है।

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लोगों ने काम नहीं करने का लगाया आरोप

जानकारी के मुताबिक, रामपुरहाट के विधायक के सामने मोहम्मद बाजार इलाके में रहने वाले लोगों ने प्रदर्शन किया। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि विधायक काफी लंबे समय से उनके इलाके में नहीं पहुंचे थे। इसी बात को लेकर लोगों में आक्रोश था। स्थानीय लोगों ने कहा कि मोहम्मद बाजार इलाके में विधायक को लंबे समय तक नहीं देखा गया था। गुस्साएं लोगों ने विधायक को 'धूमकेतु' बताया, जो एक खगोलीय निकाय या वस्तु है, जिसे लंबे अंतराल के बाद देखा जाता है।

नेताओं को लगातार झेलना पड़ रहा है विरोध

ग्रामीणों का आरोप है कि उनके इलाके में वर्षों से जर्जर सड़कों की मरम्मत के लिए कोई काम नहीं किया गया है। बता दें कि पंचायत चुनाव को देखते हुए, टीएमसी नेतृत्व ने पार्टी नेताओं और ग्रामीणों के बीच बातचीत के लिए 'दीदीर दूत' कार्यक्रम तैयार किया है। हालांकि, आशीष बनर्जी ने बाद में कहा कि वह कार्यक्रम के तहत गांवों का दौरा कर रहे हैं ताकि लोगों की शिकायतों के बारे में जाना जा सके और इसे कम करने के लिए उचित अधिकारियों को सूचित किया जा सके।

टीएमसी ने नेताओं को लोगों के बीच पहुंचने का सौंपा है काम

बता दें कि टीएमसी के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों सहित अन्य नेताओं को स्थानीय निकाय चुनावों से पहले राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के अपने दौरे के दौरान पंचायत नेतृत्व के खिलाफ विरोध और शिकायतों का सामना करना पड़ा है। हालांकि, इनमें कुछ अन्य पार्टी के नेता भी शामिल हैं। उन्हें पंचायत प्रधानों और सदस्यों के काम नहीं करने से लेकर कथित भ्रष्टाचार और क्षेत्र से नेतृत्व की अनुपस्थिति जैसी शिकायतों का सामना करना पड़ा है।

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