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Bhawanipur By Election 2021: टीएमसी ने भवानीपुर उपचुनाव के लिए ममता बनर्जी के नाम की घोषणा की

Bhawanipur By Election 2021 ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उपचुनाव जीतना आवश्यक है। ममता इस साल विधानसभा चुनाव में अपनी परंपरागत भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ीं थीं। जहां करीबी मुकाबले में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 07:24 PM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 09:31 PM (IST)
Bhawanipur By Election 2021: टीएमसी ने भवानीपुर उपचुनाव के लिए ममता बनर्जी के नाम की घोषणा की
टीएमसी ने भवानीपुर उपचुनाव के लिए ममता बनर्जी के नाम की घोषणा की। फाइल फोटो

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कोलकाता की भवानीपुर विधानसभा सीट पर 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए रविवार को आधिकारिक रूप से उम्मीदवार के रूप में ममता बनर्जी के नाम की घोषणा की। वैसे यह पहले से ही तय था कि इस सीट से मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ही चुनाव लड़ेंगी। तृणमूल ने भवानीपुर के अलावा बंगाल में दो और विधानसभा सीटों जंगीपुर व शमशेरगंज में होने वाले चुनाव के लिए भी अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा की। जंगीपुर से पूर्व मंत्री जाकिर हुसैन व शमशेरगंज से अमीरुल इस्लाम को ही पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया है। दरअसल, इस दोनों सीटों पर मार्च-अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान से ठीक पहले कोरोना के कारण दो प्रत्याशियों की मौत हो गई थी। इसके कारण जंगीपुर व शमशेरगंज में चुनाव स्थगित हो गया था। तृणमूल ने इन दोनों सीटों के लिए जो उम्मीदवारों की घोषणा की है, उन दोनों का नामांकन पहले ही हो चुका है। इसीलिए वहां फेरबदल की कोई गुंजाइश नहीं थी। लिहाजा पार्टी ने उन्हीं दोनों के नामों का एलान किया है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने एक दिन पहले ही बंगाल में तीन सीटों पर 30 सितंबर को चुनाव की घोषणा की है। तीन अक्टूबर को मतगणना होगी।

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दांव पर ममता की कुर्सी

ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उपचुनाव जीतना आवश्यक है। ममता इस साल की शुरुआत में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में अपनी परंपरागत भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ीं थीं। जहां करीबी मुकाबले में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हार के बाद भी मुख्यमंत्री बनीं ममता यदि पांच नवंबर तक विधायक नहीं बनती हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री का पद त्यागना होगा। इसीलिए ममता की कुर्सी दांव पर है। चुनाव आयोग ने प्रचार के लिए सिर्फ दस दिन की समय सीमा तय की है। यानी 20 सितंबर के बाद ही कोई भी प्रत्याशी चुनाव प्रचार कर सकेगा। इस बीच, चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश, बिहार व हरियाणा सहित करीब 11 राज्यों में खाली पड़ीं 31 विधानसभा सीटों और तीन लोकसभा सीटों के चुनाव को लेकर राज्यों से चर्चा की है। इसमें इन सभी राज्यों ने बाढ़, त्योहारों और कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए त्योहारी सीजन के बाद चुनाव कराने का सुझाव दिया था, जिसे आयोग ने सहमति दे दी है।


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