निर्णय को बदलने के आरोप में विश्वभारती विवि के तीन वरिष्ठ अधिकारी निलंबित
तीनों अधिकारियों पर पूर्व में हुई एग्जीक्यूटिव काउंसिल (कार्य समिति) की बैठक के रेजोल्यूशन को बदलने व उसमें छेड़छाड़ करने का आरोप
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : विश्वभारती विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूर्व में हुई एग्जीक्यूटिव काउंसिल (कार्य समिति) की बैठक के रेजोल्यूशन को बदलने व उसमें छेड़छाड़ के आरोप में विश्वविद्यालय के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इनमें तत्कालीन कार्यकारी उप कुलपति व दर्शन विभाग की प्रोफेसर सबूज कली सेन, पूर्व रजिस्ट्रार सौगत चट्टोपाध्याय एवं पूर्व फाइनेंस अधिकारी सौमित राय शामिल हैं। ये तीनों पूर्व अधिकारी फिलहाल विश्वविद्यालय में ही अन्य पदों पर कार्यरत हैं।
आरोप प्रमाणित होने के बाद विश्वविद्यालय के एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने शुक्रवार देर शाम इन तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन तीनों के खिलाफ आरोप था कि एग्जीक्यूटिव काउंसिल की जो पूर्व में बैठक हुई थी उसका रेजोल्यूशन (बैठक में लिए गए निर्णय का मिनट 2 मिनट) के साथ छेड़छाड़ करते हुए इन लोगों ने उसको बदल दिया था। इस को बदलने के पीछे कारण था कि सबूज कली सेन को उपकुलपति बनाने के लिए यह सारा काम किया गया था। इसको लेकर बाद में विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक जांच कमेटी गठित की थी।
जांच में तीनों के खिलाफ आरोप सही पाया गया और जांच कमेटी ने तीनों को दोषी करार दिया। साथ ही इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की। इसके बाद शुक्रवार को विश्वविद्यालय के वर्तमान उपकुलपति विद्युत चक्रवर्ती के नेतृत्व में एग्जीक्यूटिव काउंसिल की शुक्रवार को बैठक हुई, जिसमें तीनों को निलंबित करने का निर्णय लिया गया। इन तीनों आरोपितों को क्या सजा दी जाएगी इसके लिए काउंसिल ने हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक सदस्यीय कमेटी भी गठित की है जो सजा पर फैसला लेगा। सजा से पहले इस मामले में तीनों अभियुक्त मामले को किसी तरीके से प्रभावित नहीं कर पाए इसके मद्देनजर तीनों को निलंबित करने का निर्णय लिया गया है।
वहीं, दूसरी ओर निलंबित तीनों अधिकारियों ने इस निर्देश के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है।दूसरी ओर, एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने विश्वविद्यालय के भाषा भवन के तीन प्रिंसिपलों के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए एक अलग कमेटी भी गठित की है।