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बंगाल में भाजपा की रैली में 'गोली मारो' नारे के मामले में तीन गिरफ्तार, अदालत ने 30 जनवरी तक भेजा हिरासत में

बंगाल में इसी साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होना है। सुवेंदु अधिकारी की रैली में विवादित नारेबाजी हुई जिस पर बवाल हुआ। यहां भाजपा समर्थकों ने ‘देश के गद्दारों को...गोली मारो... को’ के नारे लगाए। अब पुलिस ने इस मामले में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।

By PRITI JHAEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 01:22 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 03:36 PM (IST)
बंगाल में भाजपा की रैली में 'गोली मारो' नारे के मामले में तीन गिरफ्तार, अदालत ने 30 जनवरी तक भेजा हिरासत में
बंगाल में इसी साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होना है।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में विधानसभा चुनावों की जंग लगातार चल रही है। एक दिन पहले हुगली जिले के चंदननगर में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी की रैली में विवादित नारेबाजी हुई, जिस पर बवाल हुआ। यहां भाजपा समर्थकों ने ‘देश के गद्दारों को...गोली मारो... को’ के नारे लगाए। अब पुलिस ने इस मामले में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष सुरेश शॉ और दो पार्टी कार्यकर्ताओं की जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है, उन्हें 30 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

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पुलिस के मुताबिक, भाजपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष सुरेश शॉ, रॉबिन घोष और प्रभात गुप्ता को नारेबाजी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इधर, गिरफ्तारी के बाद तीनों को पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से तीनों की जमानत याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने 30 जनवरी तक जेल हिरासत में भेज दिया।

बता दें कि कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी व भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी की अगुवाई में यह रैली निकाली गई थी, जिसमें हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इसी में ये नारेबाजी हुई थी। इसका वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

हुगली में भाजपा कार्यकर्ताओं की नारेबाजी का मसला तब सामने आया, जब उससे एक दिन पहले मंगलवार को तृणमूल समर्थकों ने दक्षिण कोलकाता में एक रैली के दौरान ‘बंगाल के गद्दारों को गोली मारो..’ का नारा लगाया था। उनका इशारा भाजपा की ओर था। इस नारे को लेकर तृणमूल की काफी आलोचना हुई। हालांकि अब सवाल उठता है कि विवादित नारे लगाने को लेकर जहां भाजपा कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई वहीं सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या वह राजनीतिक दलों के रंग देखकर कार्रवाई कर रही हैं। बताते चलें कि बंगाल में इसी साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होना है।


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