भीड़भाड़ से अलग रामकृष्ण मिशन के वैश्विक मुख्यालय बेलूर मठ में दिखी दुर्गा अष्टमी पर होने वाली कुमारी पूजा
अष्टमी के दिन बेलूर मठ में कुमारी कन्याओं की पूजा की जाती है जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होते थे लेकिन करोना के कारण आम लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहा। वहीं कुमारी पूजा का आयोजन भी सीमित दायरे में हुआ।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोरोना का असर इस बार रामकृष्ण मिशन के वैश्विक मुख्यालय बेलूर मठ में दुर्गा पूजा महाष्टमी के दिन आयोजित होने वाली सदी पुरानी कुमारी पूजा भी पड़ा है। अष्टमी के दिन बेलूर मठ में कुमारी कन्याओं की पूजा की जाती है जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होते थे लेकिन इस बार करोना संक्रमण के कारण आम लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहा। वहीं कुमारी पूजा का आयोजन भी सीमित दायरे में हुआ। जहां पहले भक्तों के बैठने के लिए व पूजा के लिए बड़े पंडाल का निर्माण किया जाता था, वहीं इस बार मंदिर के ऊपर ही छोटे से मंडप को तैयार कर कुमारी पूजा का आयोजन किया गया।
बेलूर मठ सुनसान और वीरान सा नजर आया
इस बार कुमारी पूजा के लिए उत्तर 24 परगना के मध्यमग्राम की आद्रीजा मुखर्जी चयनित की गई थी जिसकी पूजा आज अष्टमी के दिन बेलूर मठ में की गई। वहीं लोगों से खचाखच भरे रहने वाला दुर्गा पूजा के समय बेलूर मठ सुनसान और वीरान सा नजर आया।
अष्टमी पर बेलूर मठ में कुमारी पूजा शुरु की
गौरतलब है कि 1901 में स्वामी विवेकानंद ने अष्टमी के दिन बेलूर मठ में कुमारी पूजा की शुरुआत की थी। तब से यह परंपरा चली आ रही है। भक्तों के लिए यहां की कुमारी पूजा हर साल आकर्षण का केंद्र होती थी।
पूजा की परंपरा का इस दिन सजीव प्रसारण
हावड़ा, कोलकाता सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों से लोग इसे देखने के लिए आते थे। लेकिन इस बार यहां लोगों को आने की इजाजत नहीं थी। हालांकि बेलूर मठ प्रबंधन ने सदी पुरानी कुमारी पूजा की परंपरा का इस दिन सजीव प्रसारण किया।