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मौत का पनाहगार बना यह राष्ट्रीय राजमार्ग

हावड़ा ग्रामीण जिला पुलिस के अंतर्गत पड़ने वाले इलाकों की सड़कों पर हुए हादसे में 1359 लोगों की मौत हुई है जबकि 2063 लोग काफी गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 11:04 AM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 11:04 AM (IST)
मौत का पनाहगार बना यह राष्ट्रीय राजमार्ग
मौत का पनाहगार बना यह राष्ट्रीय राजमार्ग

हावड़ा, जेएनएन। जिले के तमाम सड़कों में राष्ट्रीय राजमार्ग 6 की काफी अधिक अहमियत है। जिले में 85 किलोमीटर लंबी यह सड़क प्रदेश के तमाम जिलों के अलावा दूसरे राज्यों को भी कोलकाता से जोड़ती है। लेकिन इस राह पर चलना आसान नहीं है। इस पर हो रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए कहा जा सकता है कि इस मार्ग से गुजरना जान गंवाने के बराबर है। यहीं कारण है कि मार्ग के आस पास रहने वाले छात्र सड़क से न जाकर दूसरी राह से स्कूल तक पहुंच रहें है।

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हावड़ा ग्रामीण जिला पुलिस के अंतर्गत पड़ने वाले इलाकों की सड़कों पर हुए हादसे में 1359 लोगों की मौत हुई है जबकि 2063 लोग काफी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। लेकिन इतने लोगों के मरने के बावजूद सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 6 पर सड़क हादसे में 619 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से अधिकांश हादसे उलबेड़िया, बागनान, पांचला और धूलागढ़ से होकर गुजरने वाली सड़क पर हुई है।

सूत्रों का मानना है कि इस मार्ग पर तमाम यातायात की बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। स्पीड ब्रेकर, चेक पोस्ट, ट्रैफिक सिगनाल के अभाव है। इसके अलावा सड़क की स्थिति ठीक नहीं है। अधिक प्वाइंट पर पुलिस की तैनाती नहीं है। इसके अलावा मार्ग पर बने गड्डे हमेशा हादसे को आमंत्रण दे रहें हैं। इससे वाहन के पलट जाते हैं अथवा गड्डे से बचकर निकलने के प्रयास में हादसे हो रहें हैं। रात होते ही सड़क के अधिकांश हिस्से अंधेरे में डूब जाती है। इस पर काफी तेज रफ्तार में वाहनों के चलने से हादसे होते हैं। रात को चालक नशे में धुत होकर वाहन इतनी तेज रफ्तार में चलाते हैं कि हादसे होते रहते हैं। दो दिन पहले उलबेड़िया इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 6 पर खोलीसानी के पास एक बेकाबू ट्रक ने डयूटी पर तैनात पुलिस को धक्का मार दिया। इसमें उसकी मौत हो गई। इसके पहले भी बेकाबू वाहनों के धक्के से पुलिस की जान जा चुकी है।

पुलिस के पास इस तरह का कोई उपकरण नहीं है कि जिससे नशे में धुत चालकों की जांच कर उसे पकड़ा जा सके। इसके अलावा रात को यह मार्ग बदमाशों के कब्जे में चला जाता है। सड़क पर राहजनी, छीनतई के साथ ही साथ चालकों की हत्या कर ट्रक लेकर भाग जाने की घटनाएं कई बार हो चुकी है। यह मार्ग मौत को पनाह देने के कारण काफी खतरनाक साबित होने लगी है। यही कारण है कि यातायात की तमाम बुनियादी सुविधाएं सड़क पर मुहैया कराने की मांग को लेकर ग्रामीण सड़क पर उतर कर प्रदर्शन व घेराव करते रहें हैं। 


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