अब 200 साल तक घरों की दीवारों पर नहीं पड़ेगी दरार, बैक्टीरिया दिखायेगा कमाल
सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने दीवारों पर पड़ने वाली दरार को रिपेयर करने के लिए बैक्टीरिया को खोज निकाला है जो दीवार पर दरार की समस्या से मुक्ति दिलायेगा।
कोलकाता, जेएनएन। नया घर बनाने के कुछ महीनों के भीतर ही दीवारों में दरार पड़ गई। एक तरफ ठीक कराया तो यही समस्या दूसरी ओर नजर आने लगती है। ऐसी परेशानी से लोग अक्सर जूझते नजर आते हैं। इस समस्या का समाधान सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने खोज निकाला है। कोलकाता में हाल ही में संपन्न भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में रुड़की के उक्त संस्थान के प्रतिनिधियों ने बताया कि किसी इमारत को दो सौ साल के लिए दरारों से मुक्त रखने का उपाय उन्होंने खोज निकाला है। उन्होंने दावा किया कि यदि कैल्शियम पैदा करने वाले एक तरह के बैक्टीरिया को सीमेंट में मिलाकर लगाया जाए तो दीवार की दरारें अपने आप दुरुस्त हो जाएंगी। जैसे सेल्फ फिलिंग टायर लीक होने पर खुद को रिपेयर कर सकते हैं उसी तरह से जब भी दीवार में कोई दरार होगी तो सीमेंट में मिलाया गया बैक्टीरिया खुद दीवार को रिपेयर कर सकता है।
विज्ञान महोत्सव में आए संस्थान के प्रतिनिधियों ने बताया कि प्रकृति को कम से कम नुकसान पहुंचाने वाली निर्माण सामग्री बनाना हमारी खोज का विषय है। घर के निर्माण के बाद दीवारों में दरार पड़ना देश भर में एक आम बात है। उन्होंने बताया कि हमने सीमेंट में ऐसा बैक्टीरिया मिलाया है तो कैल्शियम बनाता बनाता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रारंभिक परीक्षणों के परिणाम संतोषजनक थे। कैल्शियम बनाने के लिए प्रयुक्त बैक्टीरिया आसानी से उपलब्ध हैं। हालांकि, उन्होंने अभी तक सभी परीक्षणों को पूरा नहीं किया है। कम समय में दरारें ठीक करने के लिए अनुसंधान चल रहा है।
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शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसे जीवाणुओं का जीवनकाल कम से कम 200 साल है। इसलिए, अगर वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर भवन निर्माण के समय सीमेंट के साथ इसे मिलाया जाए तो दो शताब्दियों तक घर दरार मुक्त रहेगा।
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