राजस्थान में 7996 दुग्ध उत्पादक समितियों के चुनाव होंगे
राजस्थान में सहकारी समितियों के चुनाव का सिलसिला शुरू हो गया है। राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण ने प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया। कुल 8 चरणों प्रदेश की 7996 प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के चुनाव होंगे।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में सहकारी समितियों के चुनाव का सिलसिला शुरू हो गया है। राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण ने प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया। कुल 8 चरणों प्रदेश की 7,996 प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के चुनाव होंगे। प्रदेश के 33 में से 28 जिलों की दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के चुनाव कराए जाने हैं।
18 जनवरी से से शुरू होकर 31 मार्च को चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होगी। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के अनुसार चुनाव प्रक्रिया के तहत समितियों के संचालक मंडल के कुल 95,952 सदस्यों का निर्वाचन होगा। इनमें 15, 992 महिलाएं, 7, 996अनुसूचित जाति और 7,996 अनुसूचित जनजाति वर्ग के सदस्य होंगे। दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के चुनाव पहले ही कराए जाने थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें देरी हुई है। आंजना ने बताया कि सहकारी समितियों में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूती प्रदान कर लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण का स्थापित करने की प्रक्रिया के तहत ये चुनाव कराए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जयपुर जिला दुग्ध उत्पादक समिति के तहत 2,122 समितियों के चुनाव होंगे। बांसवाड़ा डेयरी के तहत सबसे कम 36 प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के चुनाव कराए जाएंगे। सीकर-झुंझुंनू डेयरी में 305, झालावाड़-बारां में 48, कोटा-बूंदी में 344, उदयपुर में 274, चित्तौगढ़ में 318, श्रीगंगानगर में 776, बीकानेर में 172, चूरू में 131, अजमेर में 662, नागौर में 376, टोंक में 184, भीलवाड़ा में 1092, जोधपुर में 106, पाली में 239, बाड़मेर में 50, जालौर में 154, भरतपुर में 56 और अलवर में 551 जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के चुनाव होंगे।
चुनाव कराने को लेकर सहकारिता विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उधर प्रदेश में 90 नगर निकायों के लिए चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। 28 जनवरी को नगर निकाय चुनाव के लिए मतदान होगा। इसके तहत नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन शुक्रवार है।