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हादसों के बीच गुजर गया साल 2019, विभिन्न इलाकों में सड़क हादसों में गई 88 लोगों की जान

पूरे साल भर सड़क हादसा के प्रति लोगों को सचेत करने के लिये जागरूकता अभियान चलाया गया लेकिन कुछ लापरवाह लोग इस अभियान से भी बेअसर दिखे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 03:37 PM (IST)Updated: Sat, 28 Dec 2019 03:37 PM (IST)
हादसों के बीच गुजर गया साल 2019, विभिन्न इलाकों में सड़क हादसों में गई 88 लोगों की जान
हादसों के बीच गुजर गया साल 2019, विभिन्न इलाकों में सड़क हादसों में गई 88 लोगों की जान

हावड़ा, जागरण संवाददाता। सरकारी नारा सेव ड्राइव सेव लाइफ के द्वारा पूरे साल भर सड़क हादसा के प्रति लोगों को सचेत करने के लिये जागरूकता अभियान चलाया गया लेकिन कुछ लापरवाह लोग इस अभियान से भी बेअसर दिखे। इस कारण पिछले वर्ष हावड़ा शहर के विभिन्न सड़कों पर 285 हादसे हुये।

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बताया गया है कि शहर से होकर राष्ट्रीय राजमर्गा संख्या 2 और 6,कोना एक्सप्रेस वे, बनारस रोड, जीटी रोड, मुंबई रोड, हावड़ा आमता रोड और फोरशोर रोड गुजरते हैं। पुलिस की पैनी निगाहबानी और यातायात के नियमों को कड़ाई लागू करने के बावजूद पिछले साल भर में हादसे में 88 लोगों की जान जा चुकी है। यह आंकड़ा छोटे शहर के लिए कम नही है।

हादसे के बाद आम लोग और पुलिस आमने सामने होते रहे। जहां लोगों ने सड़कों पर यातायात के बुनियादी मानकों के अभाव का हवाला देते हुये पुलिस को घेर कर प्रदर्शन किया,वहीं पुलिस ने चालकों को लापरवाही से वाहन चलाने का आरोप लगाते हुये उन्हें गिरफ्तार भी किया। पुलिस की कड़ाई और जागरूक अभियान चलाने के बावजूद आज भी शहरों में वाहनों के बीच एक दूसरे से आगे निकलने के लिए होड़ लगी रहती है।

आज भी लापरवाह लोग बिना हेलमेट के बाइक चलाते नजर आ रहें हैं। वाहन चलाने के द्वारा मोबाइल फोन पर बात करते दिख रहें हैं। उक्त तमाम कारणों से ही हादसों को टाला नही जा सका है और एक वर्ष में हादसे में 88 लोगों की जान चली गई है। यानी प्रत्येक महीने शहर में 7 लोगों की सड़क हादसे में जान जा चुकी है। जबकि कुल 232 लोग हादसे में घायल हुये हैं। इनमें गंभीर रूप से 135 लोग घायल हुये हैं।

हादसों में मृत लोगों के स्वजन आज भी अपने को गंवाने का गम झेल रहें हैं। शहरों में हुये हादसों में पुलिस ने कुल 106 वाहनों को जब्त किया है। कुछ लोगों का आरोप है कि कुछ सड़कों पर लाइटों का अभाव है। सड़कों पर स्पीड ब्रेकर और चेकपोस्ट नही है। इसलिए रात होते ही मालवाही वाहनों के चालक काफी तेज रफ्तार में वाहन चलाते हैं।

कई इलाकों में चालकों की बेकाबू रफ्तार पर नजर रखने वाला कोई नही है। इतना ही हादसों के बाद पुलिस पर चालकों से रुपये वसूली करने का भी आरोप लगा है। पुलिस की वसूली से तेज रफ्तार में वाहन लेकर भागने के प्रयास में कुछेक हादसे भी हुये हैं। आज भी सड़क हादसे का दौर जारी है। शहरवासी सुरक्षित यात्रा करने की उम्मीद में हैं।


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