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कल से शुरू होगा बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र, होगी जीएसटी पर भी चर्चा

एक जुलाई से जीएसटी लागू होने पर ममता सरकार ने अध्यादेश जारी किया था। अब इसे विधानसभा के मानसून सत्र में ही पास करना होगा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 03 Aug 2017 11:20 AM (IST)Updated: Thu, 03 Aug 2017 11:20 AM (IST)
कल से शुरू होगा बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र, होगी जीएसटी पर भी चर्चा
कल से शुरू होगा बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र, होगी जीएसटी पर भी चर्चा

कोलकाता, [राज्य ब्यूरो] । मानसून सत्र शुरू होने के पहले विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई, लेकिन विपक्ष उसमें शामिल नहीं हुआ। विपक्षी दलों ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया है। मुख्य मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के साथ-साथ वाममोर्चा व भाजपा विधायक भी सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुए।

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हालांकि इसके पहले हुई विधानसभा की एडवाइजरी कमेटी की बैठक में विपक्षी दलों ने भाग लिया। एडवाइजरी कमेटी की बैठक में 4 अगस्त से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू करने व अन्य विधायी कायरें पर सहमति हुई। 4 अगस्त से मानसून सत्र शुरू होकर 17 अगस्त तक चलेगा। उसके बाद सत्र की अवधि बढ़ाने की जरूरत हुई तो फिर विधानसभा एडवाइजरी कमेटी की बैठक होगी।

संसदीय कार्यमंत्री पार्थ चटर्जी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मानसून सत्र शुरू होने पर प्रथम दिन ही जीएसटी अध्यादेश स्पीकर के समक्ष पेश किया जाएगा। जीएसटी पर 7-8 अगस्त को लगातार दो दिन दो घंटे करके चर्चा होगी। 9 को एससी, एसटी व ओबीसी फिनान्स बिल तथा 10 अगस्त को एससी एडवाइजरी काउंसिल बिल पेश होगा। कन्याश्री को अंतरराष्ट्रीय अवार्ड मिलने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रयास की सराहना के लिए सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस प्रस्ताव पेश करेगी।

उल्लेखनीय है कि एक जुलाई से जीएसटी लागू होने पर ममता सरकार ने अध्यादेश जारी किया था। अब इसे विधानसभा के मानसून सत्र में ही पास करना होगा। वहीं राज्य में बाढ़ की परिस्थिति पर विपक्ष संयुक्त प्रस्ताव पेश कर उस पर बहस कराने की मांग करेगा।

विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में विपक्ष की नहीं सुनी जाती है। सरकार अपना फैसला विपक्ष पर थोप देती है और स्पीकर भी उसी पर अमल करते हैं। इसलिए विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय किया।

वाममोर्चा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि विपक्षी दलों को महत्व नहीं दिया जाता है। स्पीकर सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के निर्देश पर सदन का संचालन करते हैं और विपक्षी दलों को अपनी बात रखने की स्वतंत्रता नहीं है। इसलिए सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय किया गया। सुजन ने कहा कि राज्य में बाढ़ की समस्या बेरोजगारी और अन्य ज्वलंत मुद्दों को वाममोर्चा के विधायक सदन में उठाएंगे। कांग्रेस और वाममोर्चा बाढ़ की स्थिति पर संयुक्त प्रस्ताव पेश करेगा।

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