Bengal Chunav: वाम जमाने से लेकर तृणमूल तक चटकल मजदूरों को सिर्फ मिलता रहा आश्वासन, बंगाल में जूट उद्योग का खास्ता हाल
वाम जमाने से लेकर तृणमूल जमाने तक चटकल मजदूरों को सिर्फ मिलता रहा आश्वासन बंगाल में जूट उद्योग बहुत ही खराब दौर से गुजर रहा है। हर चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों के नुमाइंदे जूट मिल मजदूरों एवं उनके परिवारवालों को सिर्फ देते रहे आश्वासन नहीं सुधरी दशा।
कोलकता, राज्य ब्यूरो। मजदूर एकता जिंदाबाद के नारे लगाने वाले वामफ्रंट जमाने से लेकर मां, माटी व मानुष की बात करने वाली तृणमूल कांग्रेस की सरकार तक में भले ही बंगाल के चटकल मजदूरों की हालत में कोई खासा सुधार ना हुआ हो, लेकिन सूबे में होने वाले चुनावों में इनकी जिंदगी में सुधार लाने की बात सभी राजनीतिक पार्टी की ओर से हर बार जरूर की जाती है। अब तक आश्वासन देकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नुमाइंदे जूट मिल मजदूरों एवं उनके परिवारवालों के वोट से विधायक, सांसद एवं मंत्री तक बनते आ रहे हैं। लेकिन, जूट मिलो में काम करने वाले चटकल मजदूरों व उनके परिवारों की हालत जस की तस बनी हुई है। यही नहीं उनकी हालत दिनोंदिन और खस्ता ही होती जा रही है क्योंकि बंगाल में जूट उद्योग बहुत ही खराब दौर से गुजर रहा है। उन्हें आश्वासन के सिवाय आज तक कुछ नहीं मिला।
वहीं, बंगाल विधानसभा चुनाव की बिगुल बजने के साथ एक बार फिर उन्हें आश्वासन का दौर जारी है। वहीं, गरीब मजदूरों के हितैषी बने नेता इस बार जूट मिल श्रमिक के घरों में जाकर भोजन करने का नया अंदाज अपनाया है। यहां तक कि पिछले दिनों हुगली जिले के डनलप मैदान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चटकल मजदूरों की दशा-दिशा में सुधार करने की बात कहीं थीं।
मालूम हो बंगाल के औद्योगिक क्षेत्र से परिचित हुगली जिले में कुल दस जुट मिलें है। इनमें से फिलहाल तीन जूट मिलों में तालाबंदी है। देखा जाए तो हुगली जिले में कुल 18 विधानसभा की सीटे है। इनमें से चार विधानसभा पर सीधे तौर पर जूट मिल श्रमिकों के ही वोट का प्रभाव है। जिस राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को इनका आर्शीवाद प्राप्त होता है। उनके ही सिर पर जीत का सेहरा सजता है। जिले के श्रीरामपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रिसड़ा की हेस्टिंग्स, वलिग्टन तथा श्रीरामपुर की इंडिया जूट मिल है। इसी प्रकार चांपदानी विधानसभा क्षेत्र के तहत नार्थ ब्रुक, डलहोजी तथा अंगस जूट मिलें आती है।
श्याम नगर नार्थ, विक्टोरिया तथा गोंदलपाड़ा जूट मिले चंदननगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत है। जबकि सप्तग्राम विधानसभा क्षेत्र में बांसबेड़िया की गंजेज जूट मिल है। पिछले विधानसभा चुनाव में इन चारों सीटों में तीन पर तृणमूल एवं एक पर कांग्रेस की जीत हुई थी। जबकि बीते लोकसभा के चुनाव में श्रीरामपुर, चंदननगर तथा सप्तग्राम विधानसभा सीटों में हुगली की भाजप सांसद लाॅकेट चटर्जी को अच्छा खासा बढ़त मिला था। चटकल मजदूरों को लुभाने के लिए एक बार फिर सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक रखीं है। अब देखना है इस चुनाव में किस दल को चटकल मजदूरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।