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West Bengal Politics : बंगाल के राज्यपाल ने कोरोना से निपटने के लिए की गई खरीदारी में भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच की मांग की

West Bengal Politics बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर न्यायिक जांच की मांग दोहराई। कहा बंगाल में कोरोना किट से लेकर वेंटिलेटर खरीद तक में हुआ है भ्रष्टाचार।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 06:58 PM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 06:58 PM (IST)
West Bengal Politics : बंगाल के राज्यपाल ने कोरोना से निपटने के लिए की गई खरीदारी में भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच की मांग की
West Bengal Politics : बंगाल के राज्यपाल ने कोरोना से निपटने के लिए की गई खरीदारी में भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच की मांग की

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने को सामग्रियों की खरीदारी में हुए कथित भ्रष्टाचार की शनिवार को एक बार फिर न्यायिक जांच की मांग दोहराई। 

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कुछ भी सहना पड़ेगा, सहूंगा लेकिन सेवा नहीं छोडूंगा

राज्यपाल ने ट्वीट करके भ्रष्टाचार से संबंधित तथ्यों का जिक्र करते हुए लिखा, 'बंगाल के लोगों की सेवा के लिए जो कुछ भी सहना पड़ेगा, सहूंगा लेकिन सेवा करना नहीं छोडूंगा। कोरोना किट से लेकर वेंटिलेटर खरीद तक में भ्रष्टाचार हुआ है।

भ्रष्टाचार का रहस्योंद्घाटन करने को न्यायिक जांच कराएं

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चाहिए कि इस भ्रष्टाचार का रहस्योंद्घाटन करने के लिए न्यायिक जांच करवाएं। अभी तक  बंगाल सरकार ने इसकी जांच के लिए जो भी कमेटी गठित की है, वह केवल लोगों को बरगलाने के लिए है।'

सामग्रियों की खरीदारी के लिए 2000 करोड़ रुपये जारी

उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य उपकरणों की खरीदारी में कथित भ्रष्टाचार को लेकर राज्यपाल लगातार ममता सरकार के खिलाफ हमलावर हैं। दरअसल, बंगाल सरकार ने महामारी की रोकथाम को सामग्रियों की खरीदारी के लिए 2000 करोड़ रुपये जारी किए थे जिसमें बड़े पैमाने पर कथित भ्रष्टाचार की खबर है। 

ममता बनर्जी ने उच्च स्तरीय कमेटी भी गठित की थी

शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भ्रष्टाचार की जांच करवाने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी भी पिछले दिनों गठित की थी। इस जांच कमेटी पर भी राज्यपाल ने सवाल उठाए थे। उनका कहना है कि जांच के लिए जिन लोगों को कमेटी का सदस्य बनाया गया है, वही भ्रष्टाचार में शामिल हैं। इसलिए इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए।


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