Move to Jagran APP

ममता सरकार ने कर्मचारियों को दिया पूजा का तोहफा, लागू होगा छठा पे कमीशन, बढ़ेगा वेतन

salary increase for employees बंगाल सरकार ने अपने कर्मचारियों को पूजा का तोहफा देते हुए उनकी वेतन वृद्धि का एलान किया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 09:45 AM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 03:24 PM (IST)
ममता सरकार ने कर्मचारियों को दिया पूजा का तोहफा, लागू होगा छठा पे कमीशन, बढ़ेगा वेतन
ममता सरकार ने कर्मचारियों को दिया पूजा का तोहफा, लागू होगा छठा पे कमीशन, बढ़ेगा वेतन

कोलकाता, जागरण संवाददाता। बंगाल सरकार ने अपने कर्मचारियों को पूजा का तोहफा देते हुए उनकी वेतन वृद्धि का एलान किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेताजी इंडोर स्टेडियम में सरकारी कर्मचारी संगठन के कार्यक्रम में इसकी घोषणा की। राज्य सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को मानते हुए न्यूनतम मूल वेतन (बेसिक पे) को बढ़ाकर 17,990 रुपये करने की बात कही है, जो पहले 7,000 रुपये था। सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम बेसिक वेतन अब 17,990 रुपये होगा। ग्रेच्युटी को भी छह लाख से बढ़ाकर 10 लाख होगा। यह बढ़ोतरी एक जनवरी 2020 से लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि घर का किराया व चिकित्सा भत्ता संबंधी मामले को वे बाद में देखेंगी।

prime article banner

गौरतलब है कि राज्य में सातवां तो दूर छठा वेतन आयोग की सिफारिशें भी लागू नहीं होने से सरकारी कर्मचारी ममता से बेहद नाराज चल रहे हैं। इसे लेकर अदालत में मामला भी चल रहा है। इसी बीच दुर्गापूजा से पहले सरकारी कर्मचारियों को खुशखबरी मिली है। राज्य सरकार द्वारा गठित छठे वेतन आयोग ने वेतनमान की प्रारंभिक सिफारिशें सौंप दी। इसकी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों को बढ़ा वेतन देने से संबंधित रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। इसके मिलने के बाद ही मान लिया गया। इससे सरकारी कर्मचारियों को लाभ होगा। ममता ने कहा कि 23 सितंबर को कैबिनेट की बैठक होगी जिसमें इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

जो भी सिफारिश होगी उसे मानेंगे
बताते चलें कि लोकसभा चुनाव के बाद राज्य सचिवालय नवान्न में बैठक कर मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार वेतन आयोग को इसलिए लागू नहीं कर सकी इसकी कई वजहें है। उन्होंने सत्ता में आने के बाद छठे पे लागू करने के लिए आयोग गठित की जिसका अध्यक्ष अभिरूप सरकार को बनाया और उन से बातचीत की जिन्होंने लंबे अध्ययन के बाद मूल वेतन में बढ़ाने की सिफारिश की है। ममता ने कहा कि आयोग की जो भी सिफारिशें होंगी उनकी सरकार मानेगी।

10 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ने का अनुमान
इससे राज्य सरकार पर हर वर्ष 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक बीते लोकसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी झेल चुकी ममता ने उन्हें मनाने व आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में बंगाल ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पेंशन चालू है। बहुतों ने इसे बंद कर देने को कहा था। ऐसा करने से राज्य सरकार के पांच से छह हजार रुपये बचते लेकिन हमने सरकारी कर्मचारियों को देखते हुए ऐसा नहीं किया।

'मुख्यमंत्री ने की भविष्य की बात, वर्तमान का जिक्र ही नहीं'
मुख्यमंत्री द्वारा वेतन वृद्धि की घोषणा के बाद मीडिया से मुखातिब हुए राज्य कर्मचारी फेडरेशन के महासचिव मलय मुखोपाध्याय ने कहा-'मुख्यमंत्री ने सिर्फ भविष्य की बात की है। उनकी घोषणा में वर्तमान का कोई जिक्र ही नहीं था। पिछले तीन साल के बकाये संबंधित मसलों पर उन्होंने कुछ कहा ही नहीं। ऐसे में अब भी हम सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के आधार पर वेतन की अपनी मांग को जारी रखेंगे।'

पत्रकारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी ममता सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादातर पत्रकारों की नौकरी स्थायी न होने के कारण उन्हें नौकरी खोने का भय सताता रहता है। ऐसे में 10 हजार रुपये की तनख्वाह पाने वाले पत्रकारों को सरकार नौकरी खोने की सूरत में दो साल तक प्रति माह 10 हजार रुपये बतौर सहयोग राशि मुहैया कराएगी ताकि उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत न हो। वहीं अब पत्रकार के निधन पर उन पर आश्रितों को सरकार की ओर से दो लाख रुपये दिए जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.