तीसरे दिन भी नहीं बुझी कोलकाता बागड़ी मार्केट की आग
कोलकाता महानगर स्थित प्रसिद्ध बागड़ी बाजार में रविवार तड़के लगी आग तीसरे दिन भी पूरी तरह बुझ नहीं पाई है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। कोलकाता महानगर स्थित प्रसिद्ध बागड़ी बाजार में रविवार तड़के लगी आग तीसरे दिन भी पूरी तरह बुझ नहीं पाई है। हालांकि आग को कुछ हद तक नियंत्रित कर लिया गया है लेकिन दमकल विभाग अब भी आग की लपटों पर काबू पाने की कोशिश में जुटा है।
आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दमकल गाड़ियां छह दिशाओं से भवन पर पानी छिड़ककर पूरे दिन आग पर काबू पाने में जुटी रहीं। कुछ दुकानदारों ने अपनी उन चीजों को वहां से हटाने की कोशिश की जो आग से बच गयी थीं।
सोमवार को घटनास्थल का दौरा करने के बाद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्थिति सुधरी है लेकिन अग्निशमनकर्मी आग की लपटों को नियंत्रित करने में अब भी लगे हैं। अग्निशमन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आग को पूरी तरह बुझाने में अब भी कई घंटे लग सकते हैं।
उन्होंने कहा कि करीब-करीब पूरा भवन आग की चपेट में है क्योंकि दुकानों में भारी मात्रा में दहनशील पदार्थ है।इससे आग फैल रही है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर दुकानें बंद हैं जिससे अहम स्थानों पर पहुंचने में मुश्किल हो रही है। समस्याओं के बावजूद हम आग बुझाने की यथासंभव प्रयास कर रहे हैं। इमारत के गिरने की आशंका भी गहराती जा रही है।
आग को नियंत्रित करने का दमकलकर्मियों का मेराथन प्रयास अब भी जारी है। बिल्डिंग के अंदर जगह-जगह अब भी आग के शोले दहक रहे हैं। तंग गलियों के कारण आग बुझाने में दमकलकर्मियों को दिक्कतें पेश आ रही हैं। हालांकि दमकलकर्मी खिड़की के लोहे का ग्रिल काटकर बिल्डिंग के अंदर दाखिल हो गए। अब अंदर से भी आग बुझाने का काम जारी है। ग्राउंड फ्लोर के ज्यादातर हिस्सों में लगभग आग पर काबू पा लिया गया है। लेकिन बिल्डिंग के बाकी मालों पर अब भी आग बेकाबू है।
पांच मंजिला इस इमारत में लगी आग को बुझाने में दमकलकर्मियों को यहां की तंग गलियां बेहद परेशान कर रही हैं। दमकल विभाग के अनुसार पर्याप्त जगह की कमी के कारण आग बुझाने के काम को बल नहीं मिल पा रहा है। आग को तत्काल काबू में करने लिए अंदर दाखिल होना बेहद जरूरी है। लेकिन चूंकि तंग गलियां हैं और बिल्डिंग के सामने और पीछे के हिस्से के अलावा पानी की धार को अंदर पहुंचाने का और कोई विकल्प नहीं है। जबकि इन दो हिस्सों में भी छोटी-छोटी खिड़कियां हैं, जिनसे तेजी से आग की लपटें निकल रही हैं। उनका कहना है कि बिल्डिंग के बगल के हिस्सों में यदि जगह होती तो आग बुझाने के काम को काफी बल मिलता।
इन तमाम कारणों से आग को काबू में करने में दिक्कत हो रही। फलस्वरूप मौजूदा विकल्प, खिड़कियों के माध्यम से ही पानी की धार को बिल्डिंग के अंदर पहुंचाने की कोशिश जारी है। दमकलकर्मियों के अनुसार बिल्डिंग में अब भी काफी सामान है। यही कारण है कि आग तेजी से लहक रही है। इधर रह-रहकर बिल्डिंग से तेज धमाकों की आवाज सुनाई पड़ रही हैं। बिल्डिंग के कई हिस्से में दरारें भी पड़ गई हैं। वहीं कई हिस्से से प्लास्टर टूटकर नीचे गिर रहे हैं। इससे आसपास के लोगों में आतंक का माहौल अब भी बना हुआ है।