बंगाल में प्रदर्शित होगी फिल्म 'दंगा-द रायट', हाईकोर्ट ने फिल्म रिलीज की दी अनुमति
कलकत्ता में 1946 हुए दंगों पर आधारित मिलन भौमिक की फिल्म 'दंगा-द रायट' को बंगाल में प्रदर्शित करने की अनुमति कलकत्ता हाईकोर्ट ने दे दी।
कोलकाता, जेएनएन । कलकत्ता में 1946 हुए दंगों पर आधारित मिलन भौमिक की फिल्म 'दंगा-द रायट' को बंगाल में प्रदर्शित करने की अनुमति कलकत्ता हाईकोर्ट ने दे दी। हालांकि, हावड़ा जिले के उलबेडि़या सबडीविजन के सिनेमा घरों में यह फिल्म प्रदर्शित नहीं होगी।
इस फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह से डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अगस्त 1946 में मुस्लिम लीग द्वारा कराए गए दंगे को रोकने के लिए ब्रिटिश शासन मजबूर किया गया जिससे हजारों ¨हदुओं की जान बची। फिल्म में गजेंद्र चौहान ने श्याम प्रसाद मुखर्जी के रूप में मुख्य भूमिका निभाई है।
फिल्म के निर्देशक मिलन भौमिक ने बंगाल प्रशासन पर यह आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि प्रशासन राज्य भर के सिनेमा हाल मालिकों पर फिल्म नहीं प्रदर्शित करने के लिए दबाव बना रखा है। उसी याचिका पर यह फैसला आया है। याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश शाम्पा सरकार ने पूछा, श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर बनी एक फिल्म पर प्रतिबंध क्यों होना चाहिए? मिलन भौमिक ने कहा कि सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने बंगाल में फिल्म प्रदर्शित करने की अनुमति दे दी है। भौमिक ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बड़ी जीत है। क्योंकि जानबूझकर बंगाल प्रशासन हमे परेशान कर रहा था। उन्होंने कहा कि हम 8 जून को पूरे राज्य में फिल्म रिलीज करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि बंगाल के लोग इस फिल्म को पसंद करेंगे। यह फिल्म राष्ट्र निर्माण में श्यामा प्रसाद मुखर्जी के योगदान को युवा तक पहुंचना मुख्य उद्देश्य है। भौमिक ने कहा कि बंगाल के सिनेमा घरों के मालिकों को धमकी दी गई थी, फिल्मों के रिलीज को रोकने के लिए पोस्टर और बैनर हटा दिए गए।
उन्होंने कहा कि मुझे 18 मई को पता चला कि फिल्म को लेकर उपमंडल मजिस्ट्रेट, उलबेडि़या ने 27 अप्रैल को सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू करने का निर्देश दे दिया है। इसके बाद मेरे लिए हाईकोर्ट जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था। यह फिल्म को 27 अप्रैल को राज्यभर के 103 फिल्म हॉलों में प्रदर्शित किया जाना था, लेकिन मुझे हॉल मालिकों ने फोन कर फिल्म प्रदर्शित करने से इन्कार कर दिया। इस फिल्म में बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी द्वारा लिखी गई एक कविता है और बिहार, झारखंड, अगरतल्ला और असम में पहले ही सफलतापूर्वक चल रही है।
भौमिक के आरोपों को कोलकाता पुलिस ने खारिज करते हुए 28 अप्रैल को ट्वीट किया था कि फिल्म पर सरकार ने कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। निर्देशक ने जो आरोप लगाए हैं वह झूठा है। सरकार ने फिल्म पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। पुलिस की ओर से यह भी ट्वीट किया गया कि किसी सिनेमा हॉल मालिक को फिल्म दिखाने के लिए मना किया जाता है तो वे पुलिस में शिकायत करें।