इंजीनियरिंग छात्र ने बनाई कई खूबियों वाली ईवीएम, इस नए मशीन में कोई छेड़छाड़ संभव नहीं
इस नए ईवीएम में फिंगरप्रिंट के जरिए ही हो सकेगा मतदान, मशीन बनाने वाले छात्र का दावा कोई भी नहीं कर पाएगा छेड़छाड़।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की कार्यप्रणाली को लेकर विभिन्न राजनीतिक दल हमेशा से ही निशाना साधते रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से ही इसपर सवाल उठाने वालों की संख्या भी बढ़ गई है। लेकिन अब कोलकाता के एक इंजीनियरिंग छात्र ने कई खूबियों वाली ईवीएम बनाने का दावा किया है। यहां के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट के छात्र राकेश शील ने दावा किया है कि उसकी बनाई मॉडीफाइड ईवीएम से किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ संभव नहीं है।
राकेश शील तृतीय वर्ष का इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग का छात्र है। इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट की तरफ से कोलकाता के साल्टलेक सेक्टर पांच में एक वर्कशॉप और प्रदर्शनी लगाई गई, जो 25 जनवरी तक चलेगी। इसी में इस मॉडीफाइड ईवीएम का प्रदर्शन किया गया है। इसे बनाने वाले राकेश का दावा है कि इससे मतदाताओं के साथ किसी भी तरह की धोखाधड़ी नहीं हो पाएगी। लोग अपना वोट खुद दे पाएंगे। कोई भी दूसरा व्यक्ति किसी और का वोट नहीं दे पाएगा।
छात्र का दावा है कि पहले से ही मौजूद ईवीएम के टेक्नोलॉजी को फिंगर प्रिंट टेक्नोलॉजी के साथ मैच किया जाएगा। यानी कि मशीन में वोट देने के पहले आपका फिंगरप्रिंट लिया जाएगा और जब आपका फिंगर प्रिंट दर्ज हो जाएगा, उसके बाद ही आप ईवीएम का बटन दबा पाएंगे, इसके बिना ऐसा नहीं हो पाएगा। उस मशीन के पास ही नंबर या विभिन्न राजनैतिक दलों के चुनाव चिह्न भी मौजूद रहेंगे। लोग इन्हीं को देखकर बटन दबा सकेंगे।
एक बार वोट डालने के बाद अगर कोई व्यक्ति दोबारा वोट डालने पहुंचता है तो तुरंत पकड़ा जाएगा। क्योंकि उसके फिंगरप्रिंट पहले से ही उस मशीन में दर्ज हो चुके होंगे। यह प्रक्रिया आधार कार्ड के साथ भी जुड़ी रहेगी। छात्र का दावा है कि मतदाता की किसी भी तरह की निजी सूचना लीक नहीं होगी। क्योंकि मतगणना के ठीक पहले पूरा फिंगरप्रिंट डाटा डिलीट हो जाएगा, जिसके बाद ही मतगणना की प्रक्रिया शुरू होगी