सीबीआइ ने रेलवे में नौकरी दिलवाने वाले गिरोह के तीन सदस्य दबोचे
रेल विकास निगम लिमिटेड की फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी के नाम पर युवाओं से लाखों रुपये ठगने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का सीबीआइ ने पर्दाफाश किया है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) की फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी के नाम पर युवाओं से लाखों रुपये ठगने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का सीबीआइ ने पर्दाफाश किया है। इस मामले में कोलकाता और ओडि़सा से गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से रेलवे के फर्जी नियुक्ति पत्र, शैक्षिक प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार गत 8 फरवरी को रेल विकास निगम लिमिटेड के महाप्रबंधक पीपी पांडे ने कुछ लोगों द्वारा आरवीएनएल की फर्जी वेबसाइट तैयार कर नौकरी का झांसा देकर युवाओं को ठगने की शिकायत सीबीआइ के समक्ष दर्ज कराई थी। मार्च में मामला दर्ज कर सीबीआइ ने जांच शुरू कर दी थी।
इसी बीच फर्जी वेबसाइट के जरिए युवाओं को ठगने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का सुराग मिलते ही सीबीआइ की विशेष टीम मंगलवार को कोलकाता पहुंची और पूर्वी क्षेत्रीय टीम के साथ दक्षिण कोलकाता के एक स्थान पर छापा मारा। टीम ने मौके से नारायण पात्रा और गोविंद सिंहा नामक 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
तलाशी में उनके पास से रेलवे की नौकरी के फर्जी नियुक्ति पत्र, शैक्षिक प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए। बताया गया कि गिरोह फर्जी वेबसाइट के जरिए युवाओं को अपने जाल में फांस लेता था। नौकरी के नाम पर उनसे मोटी रकम ऐंठने के बाद फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिया जाता था।
गिरोह ने पश्चिम बंगाल के अलावा झारखंड, बिहार, असम, ओडि़सा समेत अन्य राज्यों के युवाओं को अपना शिकार बनाया था। युवाओं का विश्र्वास जीतने के लिए गिरोह के सदस्य फर्जी वेबसाइट पर उनका नाम भी अपलोड कर देते थे।
बुधवार को आरोपितों को बैंकशाल कोर्ट स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से दोनों को 3 दिनों की रिमांड पर भेज दिया गया। सीबीआइ दोनों आरोपितों को लेकर दिल्ली रवाना हो गई है। गिरोह के अन्य सदस्यों के बाबत उनसे पूछताछ की जाएगी। उधर, सीबीआइ ने ओडि़सा के कटक से गिरोह के एक और सदस्य किशोर चंद्र प्रधान नामक युवक को गिरफ्तार कर लिया है।