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Durga Puja 2022: कोलकाता के इस पंडाल को बनाने में सिक्‍कों का किया गया है इस्‍तेमाल, मां तुझे सलाम की थीम पर है आधारित

Durga Puja 2022 कोलकाता के बाबूबागान सार्वजनीन दुर्गोत्‍सव पूजा पंडाल को एक सिक्‍का संग्रहालय का रूप दिया गया है। इसे बनाने में करीब 150 सिक्‍कों का उपयोग किया गया है। ये स्‍माक सिक्‍के आजादी के बाद से भिन्‍न महत्‍वपूर्ण मौकों पर जारी किए गए हैं।

By JagranEdited By: Arijita SenPublished: Mon, 26 Sep 2022 12:09 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 12:09 PM (IST)
Durga Puja 2022: कोलकाता के इस पंडाल को बनाने में सिक्‍कों का किया गया है इस्‍तेमाल, मां तुझे सलाम की थीम पर है आधारित
सिक्‍कों से सजा कोलकाता का यह पूजा पंडाल

कोलकाता, एजेंसी। बंगाल के प्रमुख त्‍यौहारों में से एक है दुर्गापूजा (Durga Puja), जिसका लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है और अब देवी मां के दर्शन के लिए भक्‍तों के इंतजार की घड़ी खत्‍म हुई क्‍योंकि दुर्गा पूजा उत्‍सव ने दस्‍तक दे दी है। पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजधानी कोलकाता (Kolkata) की दुर्गा पूजा पूरी दुनिया में मशहूर हैं। यूनेस्‍को (UNESCO) ने कोलकाता में दुर्गा पूजा को सांस्‍कृतिक विरासत (Cultural Heritage) का दर्जा दिया है। 

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कोलकाता हर साल दुर्गा पूजा के अवसर पर अपने यहां के पंडालों के लिए एक नई व अलग थीम लेकर आता है। इस दौरान दर्शनार्थियों को पंडाल से लेकर देवी दुर्गा की प्रतिमा तक सभी की एक अनोखी झलक देखने को मिलती है। 

इस बार आजादी के अमृत महोत्‍सव (Azadi Ka Amrit Mahotsava) के जश्‍न को ध्‍यान में रखते हुए दक्षिण कोलकाता में ढाकुरिया (Dhakuria) के बाबूबागान सार्वजनीन दुर्गोत्‍सव पूजा पंडाल (Babubagan Sarbajanin Durgotsav Samiti Durga Puja Pandal) भी एक लीक से हटकर थीम लेकर आया है। इसके तहत पंडाल बनाने के लिए आजादी के बाद से जारी किए गए हजारों स्‍मारक सिक्‍कों का इस्‍तेमाल किया गया है।

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पूजा समिति की कोषाध्‍यक्ष और पंडाल की परिकल्‍पना में शामिल प्रो. सुजाता गुप्‍ता (Sujata Gupta) ने इस मौके पर कहा, 'मां तुझे सलाम (Maa tujhe salaam) पंडाल का थीम है। मां से तात्‍पर्य दुर्गा मां, भारत माता से है। इस बार हम देश की आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्‍न मना रहे हैं इसलिए पंडाल को बनाने में आजादी के बाद से जारी किए गए स्‍मारक सिक्‍कों (Commemorative coins) को इस्‍तेमाल में लाया गया है। सन् 1947 से लेकर अब तक भिन्‍न मौकों पर स्‍मारक सिक्‍के जारी किए गए हैं। हमने इन्‍हें जुटकार पंडाल बनाने के काम में उपयोग में लाया है। इनमें से कुछ सिक्‍के असली हैं, तो कुछ इन सिक्‍कों के प्रतिरूप हैं।' 

उन्‍होंने आगे कहा, 'पंडाल को एक काइन (सिक्‍कों) म्‍यूजियम का रूप दिया गया है। मां दुर्गा की प्रतिमा भी एक सिक्‍के पर उकेरी गई है। इसके साथ ही पंडाल में सिक्‍कों पर ही महात्‍मा गांधी, जवाहर लाल नेहरु, सुभाष चंद्र बोस, स्‍वामी विवेकानंद जैसी कई और हस्तियों की तस्‍वीरें बनाई गई हैं।' प्रो गुप्‍ता ने कहा कि इस पूरे पंडाल को बनाने में करीब 150 सिक्‍कों का इस्‍तेमाल किया गया है।

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