कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कलकत्ता हाई कोर्ट की एकल-न्यायाधीश पीठ ने बुधवार को बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (WBBPI) के पूर्व अध्यक्ष मानिक भट्टाचार्य पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
TMC विधायक पर दूसरी बार लगा जुर्माना
यह दूसरी बार है जब न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की पीठ ने भट्टाचार्य पर जुर्माना लगाया है, जो इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। इसी बेंच ने 16 जनवरी को उन पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। भट्टाचार्य पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने आदेश दिया कि भट्टाचार्य को प्रेसिडेंसी सेंट्रल करेक्शनल होम में आर्थिक दंड का नोटिस दिया जाए, जहां उन्हें अभी रखा गया है।
15 दिनों के भीतर भरना होना जुर्माना
उन्होंने यह भी कहा कि डब्ल्यूबीबीपीई के पूर्व अध्यक्ष को नोटिस दिए जाने की तारीख से 15 दिनों के भीतर जुर्माने की राशि अदालत में जमा करानी होगी। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने यह फैसला 2017 में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रवेश परीक्षा देने वाली साहिला परवीन की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
परिणाम घोषित होने के बाद साहिला परवीन को पता चला कि उसने क्वालीफाई नहीं किया था। उसके बाद उसने अपनी आप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट की प्रति प्राप्त करने के लिए सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत डब्ल्यूबीबीपीई में आवेदन किया। हालांकि उन्हें बोर्ड द्वारा सूचित किया गया था कि चूंकि उनके आवेदन में तकनीकी गलती थी, इसलिए उन्हें उनकी ओएमआर शीट की प्रति प्रदान नहीं की जा सकती। तदनुसार उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
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जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हट सकते मानिक भट्टाचार्य
इस मामले में बुधवार को फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने डब्ल्यूबीबीपीई के कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष के रूप में भट्टाचार्य इस मामले में अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हट सकते। इसके बाद उन्होंने भट्टाचार्य पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

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