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दिवाली से पूर्व चाय की कीमत आएगी गर्मी

जेएनएन कोलकाता असम और बंगाल से इस साल आने वाली दूसरी फ्लश और मॉनसून चाय की कीमतें स्थि

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 06:52 PM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 06:42 AM (IST)
दिवाली से पूर्व चाय की कीमत आएगी गर्मी
दिवाली से पूर्व चाय की कीमत आएगी गर्मी

जेएनएन, कोलकाता: असम और बंगाल से इस साल आने वाली दूसरी फ्लश और मॉनसून चाय की कीमतें स्थिर रही हैं। देश में चाय की फसल में इनकी बड़ी भागीदारी होती है। इंडस्ट्री का अनुमान है कि दिवाली से पहले चाय की कीमतें बढ़ सकती हैं क्योंकि आमतौर पर इस समय तक इसकी माग बढ़ जाती है।

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इंडियन टी असोसिएशन के चेयरमैन विवेक गोयनका ने कहा, टी इंडस्ट्री के लिए यह ठंडा साल रहा है। असम की सीटीसी और डस्ट चाय के दाम 2018 की तुलना में कम रहे हैं। बंगाल की सीटीसी और डस्ट चाय पिछले साल के भाव पर ही बिकी हैं।

जुलाई की फसल सालाना आधार पर 8.3 पसर्ेंट बढ़कर 17.607 करोड़ किलो रही। टॉप उत्पादक असम में तुड़ाई में तेजी से इसमें इजाफा हुआ। जुलाई में राज्य का उत्पादन 970.2 लाख किलो रहा था, जबकि पिछले साल इस महीने में 937.1 लाख किलो चाय का उत्पादन हुआ था। गोयनका ने बताया, टी बोर्ड से अभी अगस्त की फसल के आकड़े नहीं आए हैं। हालाकि, आइटीए के सदस्य इलाकों से मिले उत्पादन के आकड़ों के मुताबिक अगस्त में चाय का उत्पादन असम में 17.9 पसर्ेंट और पश्चिम बंगाल में 5.5 पसर्ेंट घटा है। पिछले महीने में चाय की पैदावार में कुल 14.8 पसर्ेंट की गिरावट आई।

मार्केट में पहले से चाय का अधिक स्टॉक था। इसलिए अगस्त में ऑर्गनाइज्ड टी सेक्टर के उत्पादन में कमी आने के बावजूद कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई। मार्केट में जो स्टॉक है, उसमें कुछ पिछले साल का पुराना स्टॉक और जुलाई में हुए अधिक उत्पादन की फसल शामिल है। असम की सीटीसी और डस्ट वैरायटी के चाय के भाव जुलाई में पहली सेल के बाद से 2-3 पसर्ेंट गिरे हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल की चाय की कीमत पिछले साल के स्तर पर है। असल में जिस तेजी से उत्पादन बढ़ा, उस रफ्तार से घरेलू खपत और निर्यात में बढ़ोतरी नहीं हुई। इससे बाजार में चाय की सप्लाई बढ़ गई। जनवरी से जुलाई के बीच असम और पश्चिम बंगाल से चाय का निर्यात सालाना आधार पर 3.58 पसर्ेंट घटा है।

गोयनका ने कहा, उत्पादन लागत बढ़ने, माग और सप्लाई में असंतुलन से कीमतें स्थिर रहने से इंडस्ट्री की लागत बढ़ गई है।' उन्होंने बताया, देश में चाय के बढ़ते उत्पादन को खपाने के लिए घरेलू खपत का बढ़ना जरूरी है। इस स्थिति में ऑर्थोडॉक्स टी की बढ़ती कीमतों से कुछ उम्मीद जगी है। ईरान ने जनवरी से जुलाई के बीच 350 लाख किलो ऑर्थोडॉक्स चाय खरीदी थी, जिससे उसके दाम में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। गोयनका ने कहा, अधिक ऑर्थोडॉक्स चाय का उत्पादन ही आगे के लिए बेहतर रास्ता है। अभी इस पर 3 रुपये प्रति किलो सब्सिडी मिलती है। हमने ऑर्थोडॉक्स चाय का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार से इस पर 25 रुपये प्रति किलो इंसेंटिव की माग की है।


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