चाय बोर्ड को नीलामी प्रणाली से अलग हो जाना चाहिए : चेयरमैन
- चाय बोर्ड के चेयरमैन ने कहा नीलामी से अलग होकर ऐसी उदारीकृत व्यवस्था अपनानी चाहिए जह
- चाय बोर्ड के चेयरमैन ने कहा, नीलामी से अलग होकर ऐसी उदारीकृत व्यवस्था अपनानी चाहिए जहां निजी क्षेत्र भी प्रवेश कर सके। जागरण संवाददाता, कोलकाता : भारतीय चाय बोर्ड के चेयरमैन पीके बेजबरुआ ने रविवार को कहा कि बोर्ड को लंबे समय से जारी नीलामी प्रणाली के कामकाज से अब अलग हो जाना चाहिए और ऐसी उदारीकृत व्यवस्था अपनानी चाहिए जहां निजी क्षेत्र भी प्रवेश कर सके। उन्होंने कहा कि चाय बोर्ड की भूमिका केवल नीलामी केंद्र खोले जाने को लेकर संबंधित इकाईयों की वित्तीय क्षमता की जांच के बाद लाइसेंस जारी करने तक सीमित होनी चाहिए। बेजबरुआ ने कोलकाता में एक न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत करते हुए कहा कि यह उपयुक्त समय है जब चाय बोर्ड को नीलामी प्रणाली के कामकाज से स्वयं को अलग करना चाहिए और केवल लाइसेंस जारी करने वाला निकाय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में मौजूदा नीलामी व्यवस्था की विफलता को प्रतिबिंबित करता है क्योंकि इससे उचित मूल्य खोज का मकसद प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि नीलामी केंद्रों पर चाय की विभिन्न किस्में 50 रुपये किलो के भाव पर बेची जा रही है। इतना ही नहीं अच्छी गुणवत्ता वाली चाय की कीमत भी 60 रुपये किलो ही निकलती है। बेजबरुआ ने कहा कि यही चाय जब नीलामी प्रणाली के बाहर जाती है तब इसकी कीमत 30 रुपये किलो तक बढ़ जाती है। उन्होंने जोर देकर कहा, मेरा सुझाव है कि टी बोर्ड को नीलामी प्रक्रिया से स्वयं को अलग कर लेना चाहिए और एक प्रतिस्पर्धी माहौल सृजित करना चाहिए, जहां मजबूत वित्तीय स्थिति और अनुभव रखने वाला कोई भी ऐसे केंद्र स्थापित कर सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में छह नीलामी केंद्र - कोलकाता, सिलीगुड़ी, कोचीन, कोयम्बटूर, गुवाहाटी और कन्नूर में है। इसका नियंत्रण भारतीय चाय बोर्ड करता है और इसको सब्सिडी उपलब्ध कराता है। साथ ही ये इकाईयां जो सॉफ्टवेयर उपयोग करती है उसे चाय बोर्ड ही उपलब्ध कराता है। बेजबरुआ ने यह भी कहा कि अगर बोर्ड तकनीकी समर्थन देने से इन्कार करता है तो ये नीलामी केंद्र तुरंत बंद हो जाएंगे। वहीं, एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा व्यवस्था से सीमित संख्या में व्यापारियों और ब्रोकरों को लाभ होता है। बता दें कि चाय बोर्ड का मुख्यालय कोलकाता में ही है।