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सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल नेताओं की संपत्ति में वृद्धि मामले में ईडी को पक्षकार बनाने के हाईकोर्ट के आदेश को किया खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के 19 नेताओं की संपत्ति में वृद्धि मामले में ईडी को पक्षकार बनाने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है। तृणमूल विधायक स्वर्ण कमल साहा समेत पार्टी के कुछ नेताओं ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

By JagranEdited By: Sumita JaiswalPublished: Thu, 29 Sep 2022 07:03 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 07:03 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल नेताओं की संपत्ति में वृद्धि मामले में ईडी को पक्षकार बनाने के हाईकोर्ट के आदेश को किया खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कुछ भी अस्वाभाविक नहीं पाया गया है। सांकेतिक तस्‍वीर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के 19 नेताओं की संपत्ति में वृद्धि मामले में ईडी को पक्षकार बनाने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है। तृणमूल विधायक स्वर्ण कमल साहा समेत पार्टी के कुछ नेताओं ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसपर गुरुवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। दुर्गापूजा से पहले तृणमूल के लिए यह बड़ी राहत है।

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शुरू हुई सियासी बयानबाजी 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कुछ भी अस्वाभाविक नहीं पाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि इस फैसले से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा की साजिश विफल हो गई है। दूसरी तरफ भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि इस मामले से उनकी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है, हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि सही समय पर सभी चीजों से पर्दा हट जाएगा क्योंकि सत्य प्रभावित हो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता। तृणमूल के जिन नेताओं की संपत्ति में वृद्धि को लेकर यह मामला किया गया था, उनमें फिरहाद हकीम, ब्रात्य बसु, मलय घटक, अर्जुन सिंह बिमान बंद्योपाध्याय, सिउली साहा, अमित मित्रा, ज्योतिप्रिय मल्लिक, दिवंगत मंत्री साधन पांडे और सुब्रत मुखर्जी समेत अन्य के नाम शामिल हैं। मामलाकारी शमीम अहमद ने दावा किया था कि 2011 से 2016 के दौरान इन नेताओं की संपत्ति में विपुल परिणाम में वृद्धि हुई है। उनकी संपत्ति किस तरह इतनी बढ़ी है, इसकी जांच होनी चाहिए। इसके बाद हाई कोर्ट ने मामले में ईडी को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया था।


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