West Bengal: कोलकाता में सुवेंदु अधिकारी की रैली में भाजपा कार्यकर्ताओं पर पथराव, टीएमसी कार्यकर्ताओं पर आरोप
West Bengal कोलकाता में भाजपा की रैली के दौरान कार्यकर्ताओं पर पथराव किया गया। कोलकाता में भाजपा की रैली में केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी राज्य भाजपा प्रमुख दिलीप घोष और सुवेंदु अधिकारी शामिल हुए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। West Bengal: बंगाल में हिंसा की राजनीति खत्म होने का नाम नहीं ले रही। तृणमूल सुप्रीमो और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल में भाजपा में शामिल होने वाले कद्दावर नेता सुवेंंदु अधिकारी के गढ़ नंदीग्राम में सोमवार को रैली की। वहीं, दूसरी ओर भाजपा के कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी सहित प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं ने उसी समय दक्षिण कोलकाता में ममता बनर्जी के गढ़ में पदयात्रा निकाली। वहीं, उस वक्त माहौल बेहद गरमा गया जब इस रोड शो के दौरान मुदियाली इलाके में भाजपा कार्यकर्ताओं पर पथराव किया गया। पथराव का आरोप सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगाया गया है।
वहीं, पथराव के बाद रोड शो में शामिल भाजपा कार्यकर्ता भी उत्तेजित हो गए। उन्होंने सड़क पर खड़ी कई बाइकों में तोड़फोड़ की। इस दौरान दोनों दलों के कार्यकर्ता आपस में भी भिड़ गए, जिसमें कईयों को चोटें भी आई है। भाजपा ने कहा है कि शांतिपूर्ण रोड शो पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ही ईंट-पत्थर फेंके हैं। पथराव के बाद से इलाके में तनाव है। यह रोड शो टॉलीगंज ट्राम डिपो से रासबिहारी मोड़ तक निकाला गया था, जिस दौरान पथराव किया गया। इस रोड शो में बंगाल के रायगंज से सांसद व केंद्रीय मंत्री देवश्री चौधरी, बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
वहीं, रोड शो के बाद रासबिहारी मोड़ में एक जनसभा का आयोजन किया गया जिसमें तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी पर सुवेंदु व अन्य भाजपा नेता जमकर बरसे।भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि इस रैली के लिए पुलिस की अनुमति ली गई थी, लेकिन फिर भी कुछ लोगों को पथराव करते देखा गया, लेकिन ये रणनीति काम नहीं करेगी क्योंकि पश्चिम बंगाल के लोग हमारे साथ हैं और वे एक बदलाव चाहते हैं। बंगाल में विधानसभा चुनाव 2021 से पहले कई बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ताओं में झड़प हो चुकी है। बंगाल में सियासी हिंसा में अब तक कईयों की मौत हो चुकी है। इस मुद्दे पर राज्यपाल और ममता सरकार पर कई वार तकरार भी हो चुकी है।