अब भी बंगाल के मंत्री कर रहे है लालबत्ती का इस्तेमाल
एक मई से प्रभावी इस पाबंदी को लेकर केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि मंत्री लालबत्ती का इस्तेमाल अपनी कारों पर नही करेंगे।
कोलकाता, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से वीआइपी कल्चर को खत्म करने के लिए वाहनों पर लालबत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। एक मई से पूरे देश में इस नियम को लागू किया जा चुका है। परंतु, बंगाल सरकार के नेता व मंत्री को प्रधानमंत्री के निर्देश का कोई असर नहीं पड़ा है। यहां के मंत्री व नेता अब भी लालबत्ती लगी गाडिय़ों में आराम से घूम रहे हैं।
बंगाल के एक मंत्री ने सोमवार को लालबत्ती लगी अपनी कार पर सवार दिखे। बंगाल के खेल व लोक निर्माण मत्री अरूप विश्वास से जब इस संबंध मे पूछा गया था तो उन्हींने उलार दिया, हमारी सरकार ने इस पर (लालबत्ती पर) अब तक पाबंदी नही लगाई है। एक मई से प्रभावी इस पाबंदी को लेकर केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि मंत्री लालबत्ती का इस्तेमाल अपनी कारों पर नही करेंगे, जिनकी मदद से उन्हे सड़को पर अबाध आवागमन की सुविधा मिला करती थी और उनका शुमार अति महत्वपूर्ण व्यक्ति (वीआइपी) श्रेणी मे किया जाता था। बहुत-से मत्रियो ने एक मई का भी इतजार नही किया था, और प्रधानमंत्री की अप्रैल के उत्तराद्र्ध में की गई घोषणा के तत्काल बाद ही अपनी कारों से लालबलिाया हटा दी थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि सिर्फ एम्बुलेंस और आपातकालीन सेवाओं के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों को ही सड़क पर निर्बाध आवागमन का अधिकार मिलना चाहिए।
केंद्र सरकार ने कहा था कि इस मामले में किसी भी अपवाद को खत्म करने के लिए वह इस नियम को ही खत्म कर रही है, जिसके तहत इसकी अनुमति दी गई थी, और राज्य सरकारो को यह तय करना होगा कि वे लालबत्तियों के इस्तेमाल का अधिकार किन्हें देती है। आमतौर पर खुलेआम ्रप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करती रहने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी अक्सर खुद को एलआइपी (लीस्ट इंपॉर्टेंट पर्सन, यानी सबसे कम महत्वपूर्ण व्यक्ति) बताती रही है। हाल ही मे अपने एक भाषण के दौरान ्रप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि नए भारत मे वीआइपी नही, ईपीआइ का जोर होगा, जहां ईपीआइ का अर्थ है- प्रत्येक व्यक्ति महत्वपूर्ण है (एवरी पर्सन इज इंपॉर्टेंट)।