आयुष्मान भारत योजना में 40 फीसद फंड नहीं देगा बंगाल: ममता बनर्जी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत में योगदान नहीं करने की घोषणा की।
संवाद सहयोगी, बैरकपुर। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना 'आयुष्मान भारत' में योगदान नहीं करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजनाएं राज्य सरकार के सहयोग से चलती हैं और केंद्र पूरा श्रेय ले रहा है इसलिए आयुष्मान भारत योजना में राज्य 40 प्रतिशत का योगदान नहीं करेगा। केंद्र को यह यह योजना राज्य में चलानी होगी तो वह पूरी अपने बूते चलाएगा और पूरा खर्च वहन करेगा।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को नदिया जिले के कृष्णानगर में प्रशासनिक बैठक में यह बातें कही। उन्होंने भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा कि केंद्र राज्यों के कार्य में हस्तक्षेप कर रहा है। राज्यों को स्वतंत्र रूप से काम नही करने दिया जा रहा है। केंद्र सभी राज्यों में समानांतर सरकार चला रहा है। यह संघीय ढांचा पर आघात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत स्वास्थ बीमा और कृषि बीमा सहित अन्य योजनाओं में राज्य सरकार की भागीदारी है। फसल बीमा में तो राज्य सरकार की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी है लेकिन केंद्र की मोदी सरकार सभी योजनाओं का श्रेय खुद ले रही है। ऐसा पहले कभी नही हुआ है। स्वास्थ्य बीमा योजना में राज्य सरकार की 625 करोड़ रुपये की भागीदारी है जबकि आयुष्मान भारत योजना पर कमल के फूल का लोगो लगा पत्र डाक विभाग से नागरिकों के घर भेजा जा रहा है। राज्य सरकार की भागीदारी का कहीं कोई उल्लेख नही है इसलिए आयुष्मान भारत से राज्य सरकार खुद को अलग कर रही है।
ममता ने कहा कि अब इस योजना के लिए कोई भी रकम नही दी जाएगी। सरकारी फंड से भाजपा अपना प्रचार कर रही है। राज्य सरकार को उनका अधिकार नही मिल रहा है। स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायत और कृषि जैसे मूलभूत काम राज्य सरकार कर रही है। राज्य में मरीजों का नि:शुल्क इलाज होता है। दूसरे राज्यों के नागरिक भी इस राज्य में आकर चिकित्सा की सुविधा लेते हैं। लूट व भ्रष्टाचार के सहारे काम करने वाली केंद्र सरकार हिटलरशाही दिखा रही है।
अपनी सरकार की गिनाई उपलब्धियां मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्याश्री योजना का लाभ राज्य में सभी स्तर पर लड़कियों को मिल रहा है। उन्होंने कन्याश्री विश्वविद्यालय का शिलान्यास करते हुए कहा कि यहा छात्राओं को नि:शुल्क पढ़ाई की सहूलियत मिलेगी। आने वाले दिनों में यह विश्वविद्यालय देश में गर्व का बिषय बनेगा। शुक्रवार को बारासात की सभा से गाईघाटा में हरिचाद गुरुचाद विश्वविद्यालय का शिलान्यास भी किया जाएगा। उसका एक कैंपस कृष्णानगर में खोला जाएगा।