सात दिनों से मां के शव के साथ रह रहा था बेटा, हत्या की आशंका
बीते कुछ दिनों में यहां कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जहां लोग मर चुके अपने परिजनों के साथ रहते रहे लेकिन मृत्यु की जानकारी किसी को नहीं दी।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। महानगर की चार दिवारी की ऊंचाइयों के बीच लोगों का जीवन इतना सीमित होता जा रहा है कि जिंदगी का अंत हो जाने के बाद भी किसी को कानों कान खबर तक नहीं लगती है। बीते कुछ दिनों में यहां कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जहां लोग मर चुके अपने परिजनों के साथ रहते रहे लेकिन मृत्यु की जानकारी किसी को नहीं दी।
ताजा घटना मूचीपाड़ा थाना अंतर्गत बहुबाजार लेबुतला पार्क के पास की है। स्थानीय लोगों से दुर्गध मिलने की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो कमरे में जमीन पर एक वृद्धा की उल्टी लाश लगभग नग्न हालत में पड़ी थी और पास में ही उसका अधेड़ उम्र का बेटा बैठा हुआ था। मृतक की पहचान ताप्ती दास (70) के रूप में हुई है जबकि बेटे का नाम पापाई दास है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है जबकि बेटे से पूछताछ की जा रही है। लोगों ने गत शनिवार को ताप्ती को आखिरी बार देखा था। अंदाजा लगाया जा रहा है कि करीब सात दिनों पहले ही ताप्ती की मौत हो गई थी लेकिन पापाई ने किसी को जानकारी नहीं दी। रविवार सुबह कमरे से दुर्गध निकलने के कारण संदेह होने पर लोगों ने मूचीपाड़ा थाने को सूचित किया जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने अंदर से बंद दरवाजे को तोड़ा तो वृद्धा को मृत हालत में फर्स पर पड़ा देखा और पास ही उसका अधेड़ उम्र का बेटा बैठा हुआ था। शव का कुछ हिस्सा गल चुका है। ताप्ती की मौत प्राकृतिक है या कोई और वजह है यह जानने के लिए पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
संभवत: बेटे ने ही की है हत्या?
स्थानीय लोगों ने बताया है कि मृतका का बेटा पापाई प्राय: रोज ही शराब पीता था। रुपये के लिए भी वह मां को मारता-पीटता रहता था। कई बार ताप्ती ने इस बारे में स्थानीय लोगों को बताया था तो कई बार पड़ोसियों ने भी शराब के नशे में मां को मारते हुए पापाई को पकड़ा भी था। गत शनिवार को लोगों ने वृद्धा को आखिरी बार देखा था। उसके बाद वह घर से बाहर दिखी भी नहीं। इस बीच तीन दिनों पहले पड़ोसियों ने ताप्ती को खोजते हुए उसके घर में जाने की कोशिश की थी लेकिन पापाई उन लोगों से लड़ पड़ा था। उस दौरान उसने एक व्यक्ति की गर्दन भी दबा दी थी। मजबूर होकर वे लोग वापस लौट गए थे।
रविवार को जब पुलिस मौके पर पहुंची थी तब भी वह अंदर था लेकिन दरवाजा नहीं खोल रहा था। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए पुलिस उससे गहन पूछताछ कर रही है। आशंका जताई जा रही है कि शायद नशे के सेवन के लिए उसने मां से रुपये मांगे थे और नहीं देने पर उसने इतनी पिटाई की कि उसकी मौत हो गई है। हालांकि इस बारे में अभी पूछताछ की जा रही है।
काफी नशा करने के कारण मानसिक रूप से अस्थिर था
मां के शव के पास बैठा मिला पापाई की प्राथमिक जांच में पता चला है कि वह काफी नशा करता था। इस वजह से उसकी मानसिक हालत स्थिर नहीं है और कई बार वह किसी भी बारे में कोई भी जवाब नहीं दे रहा है तो कई बार उल-जुलूल भी बक रहा है। यहां तक कि जब पुलिस मां के शव को निकाल रही थी।
मां के शव के पास बैठकर खाया पावरोटी
रविवार को पुलिस की मौजूदगी में स्थानीय लोगों ने उसे पावरोटी व पानी दिया था जिसे वह मां के शव के पास ही बैठकर खाया। लोग उसे देखते रहे और वह बेफिक्र होकर खाता रहा था। बाद में वह उठा और चुपचाप पुलिस के साथ चल पड़ा।
पहले भी होती रही है ऐसी घटनाएं
उल्लेखनीय है कि ऐसी घटनाएं पहले भी होती रही हैं। इसी महीने की पांच तारीख को आनंदपुर थाना इलाके में अपनी बहन के शव के साथ रह रही एक युवती को निकालकर पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया है। पिता की मौत के बाद ये तीनों बहने तीन सालों तक घर से बाहर ही नहीं निकली थी। दो की मौत के बाद पुलिस ने तीसरी को बचाया है। इसी तरह से वर्ष 2015 में शेक्सपीयर सरणी थानांतर्गत रॉबिनसन स्ट्रीट का कंकाल कांड काफी सुर्खियों में रहा था।
यहां पार्थ दे नाम का एक इंजीनियर अपनी मृत बहन के शव के साथ छह महीने से अधिक समय तक रहा था। इसका खुलासा भी तब हुआ था जब उसके पिता ने उसी घर के बाथरूम में खुद को आग लगाकर जान दे दी थी। बाद में पार्थ ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसी तरह से पिछले महीने हरिदेवपुर थाना इलाके में भी एक वृद्धा अपने पति के शव के साथ करीब पांच दिनों तक रही थी। कमरे से दुर्गध आने के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचित किया था जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस से उसे अस्पताल पहुंचाया था।
बाद में पता चला था कि उक्त वृद्ध की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई थी और शव के पास बैठी रहने वाली वृद्धा मानसिक रूप से बीमार थी। गत 24 फरवरी को भी पुलिस ने पाटुली में घर में बंद एक ऐसे मां-बेटे को बरामद किया था जो लंबे समय से बीमार थे और मौत की राह देख रहे थे।