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...तो अब कोलकाता में हुगली नदी के नीचे से जा सकेंगे ट्रक भी

पीएम गति शक्ति नेशनल प्रोग्राम को लेकर उन्होंने कहा कि इसके तहत सभी प्रकार की कनेक्टिविटी रेल वाटरबेस को शामिल किया गया है। पीएम गति शक्ति के अंतर्गत कई प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। कनेक्टिविटी के लिए रोड और रेल दोनों में काम जारी है।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 15 Mar 2022 03:48 PM (IST)Updated: Tue, 15 Mar 2022 05:20 PM (IST)
...तो अब कोलकाता में हुगली नदी के नीचे से जा सकेंगे ट्रक भी
...तो अब कोलकाता में हुगली नदी के नीचे से जा सकेंगे ट्रक भी

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। जल्द ही हुगली नदी के नीचे से कोलकाता मेट्रो शुरू होने वाली है। दूसरी तरफ अब श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता भी नदी के नीचे टनेल बनाने की योजना बना रहा है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता के चेयरमैन विनीत कुमार ने कहा कि हम इसकी संभावनाएं तलाश रहे हैं। जल्द ही इसके लिए एक सलाहकार नियुक्त करके सर्वे करवाया जाएगा।

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हुगली नदी के नीचे मेट्रो टनेल इस छोर से कोलकाता से उस पार हावड़ा तक कंटेनर ट्रकों की आवाजाही के लिए कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट हुगली नदी के नीचे एक टनेल बनाने के विकल्प पर विचार कर रहा है। इस कदम से शहर की सड़कों पर माल वाहक ट्रकों की भीड़ कम करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत चल रहे कामों की भी जानकारी श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट के चेयरमैन विनीत कुमार ने दी। उन्होंने कहा कि विभिन्न परियोजनाओं पर पोर्ट ट्रस्ट काम कर रहा है।

कुमार ने कहा कि यह रोजाना भारी संख्या में मालवाहक ट्रकों को शहर की सड़कों से दूर कर सकता है। इस पर अध्ययन किया जाएगा कि क्या ऐसा किया जा सकता है। दरअसल भविष्य में अगर कार्गो बढ़ेगा तो ऐसे में टनेल बन जाता है तो उसे हावड़ा से बाहर ले जाकर सीधे हाईवे से जोड़ा जा सकेगा। पीएम गति शक्ति नेशनल प्रोग्राम को लेकर उन्होंने कहा कि इसके तहत सभी प्रकार की कनेक्टिविटी रेल, वाटरबेस को शामिल किया गया है। पीएम गति शक्ति के अंतर्गत कई प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। कनेक्टिविटी के लिए रोड और रेल दोनों में काम जारी है।

बालागढ़ में रीवर टर्मिनल, खिदिरपुर में अल्ट्रा माडर्न टर्मिनल बनेगा

-इसके अलावा वाटरवेज कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए जल्द ही बालागढ़ में एक रिवर टर्मिनल बनाया जाएगा। यहां जेटी और स्टोरेज एरिया रहेगा। यहां से कार्गो और कंटेनर बार्जेस के माध्यम से वहां जाएगा, जिससे भूतल सड़क पर दबाव कम होगा। ट्रैफिक की समस्या भी दूर होगी। कुल करीब 1350 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के तहत कनेक्टिविटी, रोड व काफी काम हो रहे हैं। कुमार ने कहा कि खिदिरपुर डक हमारा सबसे पुराना डक है। इस पर 180 करोड़ रुपये खर्च कर इसे और आधुनिक बनाने पर काम चल रहा है। खिदिरपुर डक-1 को एरिया आपरेटर को दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां अल्ट्रा माडल क्रेन लाए जाएंगे, जिससे वहां कंटेनर हैंडलिंग चालू होगी। यहां अल्ट्रा माडल टर्मिनल बनेगा। 


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