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West Bengal : मेट्रो के लिए सुरंग बनने से उत्साहित है श्यामा प्रसाद मुखर्जी पत्तन न्यास

श्याम प्रसाद मुखर्जी पत्तन न्यास ट्रकों की आवाजाही के लिए हुगली नदी के नीचे सुरंग बनाने पर कर रहा विचार

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 08:49 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 01:52 PM (IST)
West Bengal : मेट्रो के लिए सुरंग बनने से उत्साहित है श्यामा प्रसाद मुखर्जी पत्तन न्यास
West Bengal : मेट्रो के लिए सुरंग बनने से उत्साहित है श्यामा प्रसाद मुखर्जी पत्तन न्यास

कोलकाता,  एक किनारे से दूसरे किनारे तक कंटेनर ट्रकों की आवाजाही के लिए कोलकाता के श्यामा प्रसाद मुखर्जी पत्तन न्यास हुगली नदी के नीचे सुरंग बनाने के विकल्प पर विचार कर रहा है। इस कदम से शहर की सड़कों पर ट्रकों, गाड़ियों की भीड़ कम करने में मदद मिलेगी। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।

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श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह के अधिकारी ने कहा कि पूर्वी-पश्चिमी मेट्रो गलियारे की सफलता से उत्साहित होकर इस बारे में विचार किया जा रहा है। इसके लिए न्यास ने नदी के नीचे उसी तरह की सुरंग बनाने के बारे में अध्ययन करने के लिये परामर्शदाता बहाल करने की योजना तैयार की है।

बंदरगाह के चेयरमैन विनीत कुमार ने कहा कि यह सिर्फ एक विचार है क्योंकि मैंने एंटवर्प बंदरगाह (बेल्जियम में) ऐसी सुरंगें देखीं। इसलिए हम एक सलाहकार की नियुक्ति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह रोजाना 700-800 मालवाहक ट्रकों को शहर की सड़कों से दूर कर सकता है।

गार्डन रीच सर्कुलर रोड, किडरपोर रोड, हेस्टिंग्स और विद्यासागर सेतु (दूसरा हुगली पुल) आदि से गुजरने वाले ट्रक सड़कों पर ट्रैफिक और प्रदूषण के कारण बनते हैं। उन्होंने कहा कि बंदरगाह के अधिकारी शहर के यातायात से बचने के लिये तथा ट्रकों की आवाजाही को आसान बनाने के लिये रोरो (रोल ऑन, रोल ऑफ) नौका सेवाओं पर भी विचार कर रहे हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या कोविड-19 के मौजूदा प्रकोप ने बंदरगाह की गतिविधियों को प्रभावित किया है, उन्होंने कहा, "पिछले सप्ताह एक दिन में आठ पोतचालक इस बीमारी से संक्रमित पाये गये। बंदरगाह के कर्मचारियों और सहायक कर्मचारियों को मिलाकर अभी तक 180 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। हमने एक दिन के लिये भी परिचालन बंद नहीं किया, क्योंकि ऐसा करना बंदरगाह के उपयोगकर्ताओं के लिये असुविधा का कारण बनता है।’

इस बीच, सीआइआइ द्वारा आयोजित एक सेमिनार में जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि केंद्र सरकार ने जलमार्ग शुल्क को माफ कर दिया है। भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने अंतरदेशीय मालवहन के लिये सकल पंजीकृत टनेज (जीआरटी) के हिसाब से 0.02 रुपये प्रति किलोमीटर का उपयोग शुल्क लगाया था। वहीं राष्ट्रीय जलमार्गों का इस्तेमाल करने वाले पोतों के लिये 0.05 रुपये का शुल्क लगाया गया था। 


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